भारत सरकार ने घुसपैठियों के संदर्भ में कठोर कार्यवाही नहीं की, तो भारत की स्थिति फ्रांस जैसी होगी – अनिल धीर, संयोजक, इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज

हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित ‘ऑनलाइन’ विशेष संवाद : ‘फ्रांस की आग क्या भारत तक आएगी ?’

मुंबई, महाराष्ट्र – ‘‘एक सेक्युलर देश के रूप में यूरोप में फ्रांस का उदाहरण दिया जाता है । अब फ्रांस में जो दंगे हो रहे हैं, वे अचानक नहीं हो रहे हैं; अपितु यह ३० से ४० वर्षों की तैयारी है । आज फ्रांस के नागरिक फ्रांस पर थोपी गई धर्मनिरपेक्षता की असफलता के भयानक परिणाम भुगत रहे हैं । यूरोप के अन्य देश अब सतर्क हो गए हैं । जो फ्रांस में हुआ वह कहीं भी हो सकता है । आज भारत में अवैध पद्धति से रोहिंग्या एवं बांग्लादेशी मुसलमानों को अनेक स्थानों पर बसाया जा रहा है । उन्हें रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है । इन घुसपैठियों के संदर्भ में यदि भारत सरकार ने कठोर कदम नहीं उठाए, तो भारत का भी हाल फ्रांस समान हो जाएगा, ऐसी चेतावनी ओडिशा, भुवनेश्वर के ‘इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज’ के संयोजक तथा अध्ययनकर्ता श्री. अनिल धीर ने दी है ।’’ हिन्दू जनजागृति समिति आयोजित ‘क्या फ्रांस की आग भारत तक आएगी ?’ विषय पर ‘ऑनलाइन’ विशेष संवाद में वे ऐसा बोल रहे थे ।

श्री. अनिल धीर

फ्रान्स की स्थिति देखकर भारत को बहुत सतर्क रहना चाहिए ! – मारिया वर्थ, सुप्रसिद्ध लेखिका, जर्मनी

मारिया वर्थ

वर्तमान में फ्रांस में हुए दंगे पूर्व नियोजित थे । फ्रांस एवं विविध देशों के नेता दंगे एवं हिंसा करने के लिए शरणार्थी मुसलमानों का उपयोग करते हैं; मात्र फ्रांस में शरणार्थी मुसलमानों द्वारा किए जा रहे दंगों का समर्थन करने की आवश्यकता नहीं । हिंसा बढाने में नेता अधिक दोषी होती है । वास्ताविक रूप में नेताओं को कानूनी कार्यवाही के समय विरोध नहीं करना चाहिए । कुल मिलाकर फ्रांस की स्थिति को देखते हुए भारत को बहुत सतर्क रहने की आवश्यकता है ।

फ्रान्स समान भारत में भी अवैध पद्धति से आए हुए रोहिंग्या मुसलमानों से खतरा ! – विनोद बंसल, राष्ट्रीय प्रवक्ता, विश्व हिन्दू परिषद

श्री. विनोद बंसल

वर्तमान में फ्रांस में दंगे करवाए जा रहे हैं । अल्पसंख्यकों का पहले से ही ‘ग्लोबल पैटर्न’ (जागतिक स्वरूप) रहा है । प्रथम शरणार्थी बनकर जाना, तत्पश्चात वहां की संस्कृति, धरोहर एवं ऐतिहासिक वास्तु नष्ट कर वहीं के लोगों को शरणार्थी बनाना तथा वहां ‘दार-उल-इस्लाम’ (इस्लामिक शासनवाला प्रदेश) का राज्य लाना । कुछ वर्ष पूर्व भारत में भी अवैध पद्धति से आए रोहिंग्या मुसलमानों से ऐसा ही संकट है । आज भारत में अनेक ‘मिनी पाकिस्तान’ निर्माण हो गए हैं । कुल मिलाकर भारत विरोधी शक्तियों को विफल करने के लिए समाज को एकत्रित आकर शासन की सहायता करनी होगी ।