इटली में सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढने पर प्रतिबंध लगानेवाला कानून बनेगा !

रोम (इटली) – इटली सरकार ने मस्जिदों के बाहर सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढने पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक प्रारूप बनाया है । सरकार नगर नियोजन कानून में संशोधन कर यह कानून बनानेवाली है । उसके द्वारा सार्वजनिक स्थानों को प्रार्थनास्थलों का स्वरूप दिलाने पर प्रतिबंध आनेवाला है । इटली की सरकार ने धर्मांतरण के विरुद्ध कानून बनाने के लिए उसका भी प्रारूप बनाया है । इटली की सरकार यदि ऐसा कानून बनाती है, तो मस्जिदों के अतिरिक्त औद्योगिक प्रतिष्ठानों, गोदामों, गराजों, मस्जिदों के बाहर की भूमि, प्रांगण, सडकें आदि स्थानों पर नमाज पढने पर प्रतिबंध लगेगा ।

अवैध मस्जिदों पर भी होगी कार्यवाही !

सरकार ने नमाज पढने के विरुद्ध कानून बनाया, तो सरकार को इटली के सभी मस्जिदों की जांच करने का अधिकार मिलेगा । उसके माध्यम से इन मस्जिदों को आर्थिक सहायता कहां से मिलती है?, इसकी जानकारी मिलेगी, साथ ही ये मस्जिदें वैध हैं अथवा अवैध हैं ?, इसकी भी जानकारी मिलेगी । यह कानून पारित होने के उपरांत अवैध मस्जिदों पर ताले लगाए जाएंगे । इटली की अनेक मस्जिदें गोदामों पर अतिक्रमण कर बनाई गई हैं । इसलिए इस कानून में उस प्रकार से उल्लेख ही किया गया है कि औद्योगिक केंद्रों, गोदामों आदि स्थानों का उपयोग धार्मिक कार्य के लिए किया गया, तो ऐसे लोगों के विरुद्ध अपराध पंजीकृत कर उन्हें कठोर दंड दिया जाएगा ।

(सौजन्य : Zee News) 

रोम की मैगलियाना मस्जिद के इमाम सामी सलेम ने इस विषय में कहा कि मुसलमानों के प्रति स्पष्टतापूर्ण भेदभाव करनेवाला यह कानून का प्रारूप इटली के संविधान का सम्मान नहीं करता । इटली का संविधान देश में रहनेवाले प्रत्येक नागरिक की रक्षा करता है ।

धर्मांतरण के विरुद्ध भी बनाया जाएगा कानून !

इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने चुनाव में मुसलमान शरणार्थियों को रोकने के लिए कानून बनाने का आश्वासन दिया था । आज के समय में इटली में बडी संख्या में आए शरणार्थी मुसलमानों के कारण तथा उनके द्वारा चलाई जा रही धर्मांतरण की गतिविधियों के कारण स्थानीय नागरिक त्रस्त हैं । उसके कारण सरकार ने धर्मांतरणविरोधी कानून बनाने के लिए भी प्रारूप बनाया है ।

संपादकीय भूमिका 

  • इटली जैसा देश यदि ऐसा कानून बनाने का प्रयास कर सकता है, तो भारत की १०० करोड से अधिक जनता को सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढने के कारण जो कष्ट होता है, वहां ऐसा कानून क्यों नहीं बनाया जा सकता ?
  • अन्य समय पर भारतीय पाश्चात्त्यों का अंधानुकरण करते हैं; परंतु अब वहां के अच्छे निर्णयों एवं कानूनों का अनुकरण किया गया, तो वह देश के लिए लाभकारी ही सिद्ध होगा !