B’desh Army Chief General Statement : हम पडोसी देशों के विरुद्ध कुछ नहीं करेंगे और उन्हें भी हमारे विरुद्ध कुछ नहीं करना चाहिए !

बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकार-उज-जमान का बयान

बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकार-उज-जमान

ढाका (बांग्लादेश) – “हम अपने पडोसी देशों के साथ ऐसा कुछ नहीं करेंगे जो उनके सामरिक हितों के विरुद्ध हो । उसी समय, हमें आशा है कि हमारा पड़ोसी हमारे हितों के विरुद्ध कुछ नहीं करेगा । जब हम उनके हितों की चिंता करते हैं, तो उन्हें भी हमारे हितों की चिंता करनी चाहिए,” ऐसा बयान बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकार-उज-ज़मान ने एक दैनिक समाचार पत्र को दिए गए साक्षात्कार में दिया । माना जाता है कि बांग्लादेश में हुए सत्ता परिवर्तन में सेना की महत्वपूर्ण भूमिका थी । सत्ता परिवर्तन के बाद भारत के साथ संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं । इसी पृष्ठभूमि पर वकार-उज-ज़मान से प्रश्न पूछा गया था, तब उन्होंने उपरोक्त उत्तर दिया ।

जनरल वकार ने पिछले वर्ष के जनआंदोलन को ऐतिहासिक बताया । चुनावों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जनता अब देश में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव चाहती है और यही अंतरिम सरकार का मुख्य उद्देश्य है । चुनावी योजना को लागू करने के लिए सेना अंतरिम सरकार को पूरा सहयोग देगी, ऐसा उन्होंने कहा ।

‘भारत हम पर प्रभुत्व स्थापित कर रहा है’, ऐसा बांग्लादेश के लोगों को नहीं लगना चाहिए !

भारत के साथ संबंधों पर जनरल वकार ने कहा, भारत एक महत्वपूर्ण पड़ोसी है । हम कई रूप से भारत पर निर्भर हैं । भारत को भी हमारे यहां से सुविधाएं मिलती हैं । यहां से कई लोग उपचार के लिए भारत जाते हैं । हम उनसे बड़ी मात्रा में सामान खरीदते हैं । इस कारण बांग्लादेश की स्थिरता में भारत को गहरी रुचि है । यह एक पारस्परिक लेन-देन का संबंध है । यह निष्पक्षता पर आधारित होना चाहिए । समानता के आधार पर अच्छे संबंध बनाए रखने होंगे; लेकिन यह भी ध्यान रखना होगा कि बांग्लादेश के लोगों को ऐसा न लगे कि भारत उन पर प्रभुत्व स्थापित कर रहा है ।

हमारी नीति सभी के साथ मित्रता और किसी से भी द्वेष न करने की है

म्यांमार में चल रहे गृहयुद्ध के कारण सीमा पर उत्पन्न हुई अशांति के विषय में भी बांग्लादेश के सेनाप्रमुख वकार ने बयान दिया। उन्होंने कहा कि म्यांमार सीमा पर स्थिरता प्रभावित नहीं होगी। वे हमारे लोगों को सीमा पर नहीं मारेंगे। हमें अपने अधिकार का पानी मिलेगा। इसमें कोई समस्या नहीं है। संबंध समान स्तर पर होने चाहिए। हमारी नीति सभी के साथ मित्रता और किसी से भी द्वेष न करने की है।

संपादकीय भूमिका 

भारत की अपेक्षा यह होगी कि न केवल देशों के विरुद्ध, अपितु अपने ही देश के हिन्दुओं के विरुद्ध भी कुछ न किया जाए। बांग्लादेश में हिन्दुओं की रक्षा क्यों नहीं की जाती ? इस पर जनरल वकार को उत्तर देना चाहिए !