बर्न (स्विट्जरलैंड) – १ जनवरी २०२५ से स्विट्जरलैंड में महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों पर हिजाब (मुस्लिम महिलाओं द्वारा सिर और गर्दन को ढकने के लिए उपयोग किया जाने वाला वस्त्र), बुर्का अथवा अन्य किसी भी साधन से चेहरा ढकने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है । इस कानून के अंतर्गत सार्वजनिक कार्यालयों, सार्वजनिक परिवहन, रेस्टोरेंट, दुकानों आदि सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं को चेहरा पूरी तरह से ढकने की अनुमति नहीं होगी । इस कानून का उल्लंघन करने पर लगभग ९६ हजार रुपये तक का आर्थिक दंड लगाया जाएगा ।
🇨🇭 Burqa Banned in Switzerland! 🛑
Switzerland has officially banned wearing the burqa.🤔 If a secular and progressive nation like Switzerland can implement such a law, why not India? 🇮🇳#BurqaBan #Switzerland #India
VC: @TV9Bharatvarsh pic.twitter.com/HRzEcBP7Db— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) January 1, 2025
स्विट्जरलैंड से पहले बेल्जियम, फ्रांस, डेनमार्क, ऑस्ट्रिया, नीदरलैंड एवं बुल्गारिया जैसे देशों में भी इस संबंध में कानून बनाए गए हैं । वर्ष २०२२ में स्विस संसद ने महिलाओं के चेहरा ढकने पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून पर मतदान किया था । इस समय १५१ सदस्यों ने इसके पक्ष में और २९ सदस्यों ने विरोध में मतदान किया था । इसके बाद यह कानून पारित किया गया । इससे पहले, २००९ में स्विट्जरलैंड में जनमत संग्रह के माध्यम से मस्जिदों के आसपास मीनार (मस्जिद की ऊंची मीनारें) बनाने पर भी प्रतिबंध लगाया गया था ।
संपादकीय भूमिकाअगर स्विट्जरलैंड जैसा धर्मनिरपेक्ष और विकसित देश ऐसा कानून बना सकता है, तो भारत में ऐसा कानून क्यों नहीं बनाया जा सकता ? |