कर्नाटक में धर्मांतर विरोधी कानून रद्द किया जाएगा !

हिन्दू विरोधी और मुसलमान एवं ईसाई प्रेमी कांग्रेस सरकार का निर्णय !

बेंगलुरु (कर्नाटक) – कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने पहले की भाजपा सरकार द्वारा बनाया गया धर्मांतरण प्रतिबंधक कानून रद्द करने का निर्णय लिया है । ३ जुलाई से प्रारंभ होने वाले विधानसभा अधिवेशन में इससे संबंधित एक विधेयक रखा जाने वाला है । सितंबर २०२२ में भाजपा सरकार ने यह कानून बनाया था । इस कानून में जबरदस्ती, लालच देना, पद का गलत प्रयोग करना अथवा फंसाकर धर्मांतरण करने वाले के विरोध में कठोर कार्यवाही का प्रावधान है । जिसमें ३ से ५ वर्षों तक के कारावास और २५ ‘सहस्र’ के दंड का प्रावधान है ।

संपादकीय भूमिका

राज्य में ऐसे कानून भले ही रद्द हो जाएं, तो भी केंद्रीय स्तर पर धर्मांतर विरोधी कानून बनाने की आवश्यकता है । केंद्र सरकार को ऐसा कानून तत्काल बनाकर हिन्दुओं का रक्षण करना चाहिए, ऐसा ही हिन्दुओं को लगता है !

हेडगेवार और ‘स्वातंत्र्य’ वीर सावरकर संबंधित अध्याय पाठ्यक्रम से निकालेंगे ! 

६ वीं से १० वीं तक कन्नड और सामाजिकशास्त्र इन विषयों की पुस्तकों में बदलाव करने के लिए भी मंत्रिमंडल की बैठक में सहमति दी गई है । इसके अनुसार रा. स्व. संघ के संस्थापक केशव बलीराम हेडगेवार और स्वतंत्र वीर सावरकर के अध्याय हटाए जाने वाले हैं । इनके स्थान पर सावित्रीबाई फुले, इंदिरा गांधी को नेहरू के पत्र ‘के’ साथ ही डॉक्टर अंबेडकर ‘द्वारा’ लिखी कविताएं समाविष्ट की जाने वाली हैं । उसी प्रकार राज्य के सरकारी और प्राइवेट सभी विद्यालयों और महाविद्यालयों में संविधान की प्रस्तावना पढ़ाना अनिवार्य किया गया है ।

संपादकीय भूमिका

संघ विरोधी और सावरकर विरोधी कांग्रेस !