धुळे (महाराष्ट्र) में १०,००० से अधिक हिन्दुओं का ‘जन आक्रोश मोर्चा’ !

प्रभु श्रीराम की मूर्ति के अपमान के विरुद्ध हिन्दुओं की संगठित प्रतिक्रिया !

धुळे (महाराष्ट्र) – छत्रपति संभाजीनगर (मोगलाई) क्षेत्र में भगवान प्रभु श्रीराम की मूर्ति और मंदिर के अपमान के विरोध में १०,००० से अधिक हिन्दुओं ने १० जून की सुबह एक भव्य मोर्चा निकालकर भगवान श्रीराम की मूर्ति के अपमान का निषेध किया । छत्रपति संभाजीनगर (मोगलई) क्षेत्र के सकल हिन्दू समाज की ओर से जनआक्रोश आंदोलन के माध्यम से बड़ी संख्या में हिन्दुओं ने एकत्रित होकर स्थानीय श्रीराम मंदिर में मूर्ति भंग किए जाने का विरोध किया। इस मोर्चे ने हर जगह के हिन्दुओं को कृतिशील होने का संदेश दिया तथा प्रेरित किया कि ‘हिन्दू अब और आघात सहन नहीं करेंगे’।

६ जून को यहां के राम मंदिर में भगवान श्रीराम की मूर्ति का मुखडा भंग किया गया था और मंदिर में नराधमोंने मद्य प्राशन कर बोतलें वहीं डाल दी थीं। उसके उपरांत सर्व हिन्दू समाज त्वरित एकत्र हुआ और ७ जून को एक सभा हुई । सभा में अन्य वक्ताओं के साथ हिन्दू जनजागृति समिति की सुश्री रागेश्री देशपांडे ने भी भाषण किया । इस सभा में सहस्त्रों हिन्दू सहभागी हुए । मोर्चे में हिन्दू सहभागी हो ऐसा आवाहन करने के लिए एक छोटा चलचित्र भी बनाया गया था ।

जनआक्रोश मोर्चा में सहभागी हुए सहस्त्रों हिन्दू

पूर्ण मोर्चा ‘दोषियों को कठोर से कठोर दंड दिया जाए ‘, ‘आरोपियों को कड़ा से कडा दंड दें ‘, ‘जय भवानी जय शिवाजी’, साथ ही छत्रपति शिवाजी महाराज और ‘जय श्रीराम जय श्रीराम’ के नारों से गुंजायमान रहा। सहस्त्रों हिन्दुओं ने मोर्चे में भगवा टोपी और भगवा वस्त्र, साथ ही भगवा झंडे ले रखे थे , जिससे धुळे के मार्ग भगवामय हो गए थे। इस मोर्चे में श्रीराम, सीता, लक्ष्मण की सुंदर मूर्तियां भी थीं, जिन्हें माला और फूलों से अलंकृत किया गया था। हिन्दुओं ने काली पटियाए ले रखी थीं। उन पर निषेध घोषणाएं लिखी थीं ।

शोभायात्रा का प्रारंभ भगवान श्रीराम की आरती से हुआ । मोर्चे के अंत में भाजपा के श्री. अनूप अग्रवाल ने घोषणा कि ´ १४ जून को प्रभु श्रीराम के नूतन विग्रह की प्रतिष्ठापना की जाएगी । ‘ १० जून को स्थानीय लोगों ने स्वेच्छा से धुळे बाजार बंद रखा ।

इस मोर्चे को लेकर ९ जून से ही नगर में जगह-जगह पुलिस की कडी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। वर्तमान में नगर में धारा १४४ लागू कर दी गई है और मिथ्या समाचारों पर विश्वास न करने का अनुरोध किया गया है ।

संपादकीय भूमिका

धुळे, महाराष्ट्र के हिन्दुओं ने धार्मिक आस्था का अपमान करने के विरुद्ध किया भव्य संगठन अभिमानास्पद है । यदि सभी हिन्दू इसी प्रकार संगठित शक्ति का प्रदर्शन करें, तो कोई भी हिन्दुओं के विरुद्ध कुछ करने का साहस नहीं करेगा ! इस माध्यम से हिन्दू राष्ट्र की स्थापना में अधिक समय नहीं लगेगा !