विश्‍वविख्यात चन्नकेशव देवालय के रथोत्सव के आरंभ में कुरान पठन करने की प्रथा बंद !

हिन्दू जनजागृति समिति तथा अनेक हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के विरोध का परिणाम

हासन (कर्नाटक) – यहां के विश्‍वविख्यात चन्नकेशव देवालय के रथोत्सव के आरंभ में कुरान पठन करने की कुप्रथा चली आ रही थी । हिन्दू जनजागृति समिति के साथ अनेक हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के विरोध करने पर धर्मादाय आयुक्त ने कुरान पठन बंद करने का आदेश दिया था । तत्पश्चात इस वर्ष ४ अप्रैल के रथोत्सव के आरंभ में कुरान पठन नहीं हुआ ।

अ. ‘४ अप्रैल को सुबह रथोत्सव के समय रथ के सामने कुरान पठन न करें । मेदुरू के काजी को (मुस्लिम पंथ के शास्त्रानुसार परिणाम देनेवाले न्यायाधीश को ) केवल सम्मान स्वीकारना चाहिए’, धर्मादाय विभाग के आयुक्त द्वारा पारित आदेश में ऐसा कहा गया था । आदेश के अनुसार काजी ने देवालय के समीप की दीवार के पास रुक कर चन्नकेशव को  नमन कर प्रार्थना की ।

आ. देवालय की व्यवस्थापन समिति के अध्यक्ष डॉ. नारायण स्वामी ने कहा, ‘काजी ने हमें ऐसा लिख कर दिया कि ‍वे कुरान पठन नहीं करेंगे । चन्नकेश‍व को नमन करने के पश्चात सुरक्षा कर्मचारी काजी को वाहन में बिठा कर सुरक्षित ले गए ।’

इ. कुछ वर्षों से रथ के सामने कुरान पठन करने के पश्चात रथोत्सव आरंभ होने की कुप्रथा चल रही थी । हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों ने इसका विरोध कर आंदोलन करने पर राज्य धर्मादाय विभाग ने पंडितों को आमंत्रित कर इस विषय में जानकारी संग्रहित की । पंडितों ने कहा कि देवालय के रथ के सामने कुरान पठन नहीं कर सकते ।

ई. धर्मार्थ विभाग के आयुक्त द्वारा संबंधित आदेश पारित करने पर रथोत्सव के स्थान पर ४०० से अधिक पुलिस तथा अर्धसैनिक बल के जवान नियुक्त किए गए थे ।