उदयपुर (राजस्थान) में भगवान परशुराम मूर्ति की तोडी गई !

  • ३ दिनों उपरांत भी आरोपियों को बंदी नहीं बनाया !

  • हिन्दुओं द्वारा प्रशासन के विरुद्ध आंदोलन !

उक्त चित्र प्रकाशित करने का उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाएं आहत करना नहीं है । केवल जानकारी के लिए प्रकाशित किया गया है । – संपादक

उदयपुर (राजस्थान) – यहां रावलिया खुर्द गांव में २० फरवरी को एक मंदिर में भगवान परशुराम की मूर्ति की तोडी गई ।

भगवान परशुराम के इस मंदिर में ग्रामवासी नित्य पूजा-अर्चना करते थे । २० फरवरी को ग्रामवासी नित्य की भांति मंदिर में आए, तब उन्होंने देखा कि भगवान परशुराम की मूर्ति के दोनों हाथ तोड दिए गए हैं तथा पांव तोडकर निकट की सीढियों पर फेंके गए हैं । गांव में यह समाचार वायुवेग से फैल गया तथा हिन्दू तुरंत मंदिर के पास इकट्ठे हुए । तदुपरांत पुलिस को बुलाया गया । पुलिसकर्मियों ने हिन्दुओं को समझाने का प्रयास किया । तथापि संतप्त हिन्दुओं ने प्रशासन के विरुद्ध घोषणा करते हुए आरोपियों को बंदी बनाने की मांग की । तदुपरांत इस प्रकरण में पुलिस ने प्रथम सूचना विवरण (रिपोर्ट)(एफ.आइ.आर.) प्रविष्ट कर आरोपियों को ढूंढना आरंभ किया है । किंतु पुलिस आरोपियों को ३ दिनों के उपरांत भी (२३ फरवरी तक) ढूंढ नहीं पायी है ।

राजस्थान की परिस्थिति इराक एवं सीरिया से भी दयनीय ! – भाजपा

इस घटना के विषय में प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा के सांसद अर्जुन लाल मीणा ने कहा, ‘कांग्रेस शासित राजस्थान की परिस्थिति इराक एवं सीरिया से भी दयनीय है । मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत आधारित तुष्टीकरण की राजनीति से राजस्थान में हिन्दुओं का रहना भी कठिन होता जा रहा है । समाज द्रोहियों पर कठोरतम कार्रवाई करें ।

 

संपादकीय भूमिका

  • हिन्दुओं, राजस्थान में कांग्रेस की सरकार रहते हिन्दू धर्म पर आघात करनेवाले आरोपियों पर कदापि कार्रवाई नहीं होगी, इस बात से निश्‍चिंत रहें तथा ऐसी कांग्रेस को राजनीतिक दृष्टि से समाप्त करने के लिए हिन्दू एकता की शक्ति (वज्र) तैयार करें !
  • हिन्दुओं की अपेक्षा है कि केंद्र सरकार इस प्रकरण में हस्तक्षेप कर अपराधियों पर कार्रवाई करे जिससे हिन्दुओं को न्याय मिले !
  • यदि ऐसा कृत्य अन्य पंथियों के श्रद्धास्थानों के संदर्भ में हुआ होता, तो क्या सरकार, पुलिस एवं प्रशासन ने इसी प्रकार आरोपियों को बंदी न बनाने में उदासीनता दिखाई होती ? ऐसी अकार्यक्षम पुलिस एवं प्रशासन को हिन्दुओं के पैसों से क्यों पालना है ?
  • हिन्दुओं के श्रद्धास्थानों पर हो रहे आघात रोकने के लिए हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करना अनिवार्य है !