केरल की पाठशालाओं में गुजरात दंगा तथा मुगल काल इन विषयों का अभ्यासक्रम पुन: सिखाने की सिफारिश !

गुजरात दंगा तथा मुगल काल के विषय में अभ्यासक्रम पुन: सिखायेंगे

थिरुवनंतपुरम् (केरल) – केरल सरकार राज्य की पाठशालाओं में वर्ष २००२ में हुआ गुजरात दंगा तथा मुगल काल के विषय में अभ्यासक्रम पुन: सिखाने की संभावना है । ‘राष्ट्रीय शैक्षणिक संशोधन तथा प्रशिक्षण परिषद’ ने (‘एन्.सी.ई.आर्.टी.’ने) कक्षा १२ वीं की पाठ्यपुस्तक से यह भाग हटा दिया था । ‘द हिंदु’ ने ऐसा वृत्त प्रसारित किया है ।

पिनाराई विजयन्, मुख्यमंत्री केरळ

‘राष्ट्रीय शैक्षणिक नीति’ के अनुषंग से ‘एन्.सी.ई.आर्.टी.’ने कक्षा ६ वीं से १२ वीं तक के अभ्यासक्रम में तर्कशुद्ध परिवर्तन किया था । इसके अंतर्गत कक्षा १२ वीं के राज्यशास्त्र की पाठ्यपुस्तक के ‘भारतीय राजनीति में आजकल की गतिविधियां’ इस पाठ में गुजरात दंगे के संदर्भ में भाग, दंगे की घटना पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के ब्यौरे का उल्लेख, तत्कालीन प्रधानमंत्री अटलबिहारी बाजपेयी की ‘राजधर्म’ विषय में टिप्पणी, तथा उस दंगे के समाचारपत्र के समाचार के छायाचित्र सभी हटा दिए गए थे । तत्पश्चात उस पर आलोचना हुई थी ।

अब केरल ‘राज्य काऊन्सिल ऑफ एज्युकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग’ ने (‘एस्.सी.ई.आर्.टी.’ने) ‘यह भाग राज्य के विद्यार्थियों के लिए स्थाई रूप मे रखें’, ऐसी सिफारिश सामान्य शिक्षा विभाग से की है ।

संपादकीय भूमिका

क्या छात्रों को ‘गुजरात दंगे के’ विषय में जानकारी देनेवाली केरल की साम्यवादी सरकार द्वारा इसी दंगे से पूर्व धर्मांध मुसलमानों द्वारा हिन्दुओं को जला कर मारने की ‘गोध्रा घटना ’ के विषय में जानकारी दी गई है ? इससे केरल सरकार का चरमसीमा पर हिन्दूद्वेष दिखाई देता हैे ! केंद्र सरकार को ऐसी हिन्दूद्वेष की सीख देनेवाली राज्य सरकार विसर्जित करना चाहिए !