(और इनकी सुनिए…) ‘निःशुल्क पैसे देने की योजनाओं हेतु सरकार के पास पैसे नहीं हैं !’

शिमला (हिमाचल प्रदेश) – निःशुल्क भेंटवस्तु बांटने के कारण आर्थिक संकट का सामना कर रही हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार की कुदृष्टि अब मंदिरों पर हैं । हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने राज्य के बडे मंदिरों को पत्र लिखकर सरकारी योजना चलाने हेतु मंदिरों से धन मांगा हैं । सरकार ने अपनी २ योजनाओं हेतु पैसे देने की विनती की है । भाजपा सरकार ने इसका विरोध किया है ।
The Congress government of Himachal Pradesh has asked Hindu temples for money to fund its schemes!
“The government no longer has any funds left for its free-money schemes!”
If the Congress government needs money, why doesn’t it seek funds from mosques, churches, or other… pic.twitter.com/FEIKcTvqqc
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) February 28, 2025
१. कांग्रेस सरकार के भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा २९ जनवरी को मंदिरों के न्यासियों को (ट्रस्टियों को) पत्र लिखा है । इसमें मंदिर समितियों को निर्धन बच्चों को सहायता करने की विनती की गई है ।
२. सरकार के आवाहन से जिला दंडाधिकारी ने मंदिरों के न्यासियों को पत्र भेजें हैं । सरकार के अंतर्गत मंदिर ‘मुख्यमंत्री सुखाश्रय’ एवं ‘मुख्यमंत्री – सुख शिक्षा’ की योजनाओं में सहायता करेगी, ऐसा पत्र में लिखा गया था ।
३. हिमाचल प्रदेशात जिला प्रशासन द्वारा ३६ प्रमुख हिन्दू मंदिरों का जीर्णोद्धार किया जाता है । इन मंदिरों से करोडों रुपयों का धन मिलता हैं । तथापि, यह एक आवाहन था एवं इन योजनाओं का समर्थन करना अथवा नहीं, यह पूर्णतः मंदिर समितियों का निर्णय रहेगा ।
सरकार द्वारा चलाई जाती हैं, निःशुल्क पैसे बांटना योजना !
‘मुख्यमंत्री – सुख शिक्षा’ योजना के अंतर्गत विधवा, विवाहविच्छेदित, निराधार महिलाएं एवं अक्षम अभिभावकों के बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण हेतु आर्थिक सहायता की जाती है । इसके लिए योग्यता १८ वर्षों से अल्प आयु की है । इसके अंतर्गत ऐसे प्रत्येक बच्चे को प्रतिमाह १ सहस्र रुपए दिए जाते हैं । ‘मुख्यमंत्री सुखाश्रय’ योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा ६ सहस्र बच्चों को दत्तक लिया है एवं उन्हें ‘राज्य के बच्चें’ ऐसा मानांक दिया है ।
भाजपा ने किया प्रखर विरोध !

राज्य के भूतपूर्व मुख्यमंत्री एवं विरोधी पक्ष नेता जयराम ठाकुर ने आवाहन करते हुए कहा ‘कांग्रेस सरकार सनातन एवं हिन्दुओं का विरोध करती है तथा दूसरी ओर मंदिरों से पैसे लेकर योजनाएं चलाने की इच्छा रखती हैं ।
कांग्रेस की सुक्खू सरकार एक तरफ सनातन का विरोध करती है, हिंदू विरोधी बयान देती है और दूसरी तरफ देवी-देवताओं के मंदिरों से ही पैसा लेकर सरकार की फ्लैगशिप योजना चलाना चाह रही है।
सुक्खू सरकार द्वारा मंदिरों से पैसा मांगा जा रहा है इसके लिए अधिकारियों पर दबाव बनाया जा रहा है कि… pic.twitter.com/Ga7QorCQPj
— BJP Himachal Pradesh (@BJP4Himachal) February 27, 2025
मंदिरों से पैसे लेकर वे सरकार के पास शीघ्र भेजने के लिए अधिकारियों पर दबाव डाला जा रहा है । लोगों को इसका विरोध करना चाहिए ।’
हिंदुत्व को हराने की बात कहने वाले अब देवी-देवताओं के मंदिरों का पैसा लेना चाहते हैं! pic.twitter.com/IM44DAOybf
— BJP Himachal Pradesh (@BJP4Himachal) February 28, 2025
अब मंदिरों के पैसों पर भी नजर रखने वाली सुक्खू सरकार के मंत्री अनिरुद्ध सिंह सत्ता का घमंड दिखाते हुए कहते हैं कि सरकार उनकी है और कौन सा फंड कहां शिफ्ट करना है ये वही तय करेंगे, इसके लिए उन्हें किसी की राय लेने की जरूरत नहीं! pic.twitter.com/PK3ct2rF3t
— BJP Himachal Pradesh (@BJP4Himachal) February 28, 2025
हिमाचल प्रदेश के केवल २ मंदिरों के पास है देवनिधि !
हिमाचल प्रदेश के सरकार के अंतर्गत ३६ मंदिरों में सबसे धनी मंदिर अर्थात उना जिले का मां चिंतापूर्णी मंदिर । इस मंदिर की तिजोरी में १०० करोड रुपयों की जमा राशि, १ सहस्र ९८ किलो से अधिक सोना एवं ७२ सहस्र किलो चांदी है ।
बिलासपुर स्थित शक्तीपीठ नैनादेवी मंदिर में ११ करोड रुपए नकद एवं ५८ करोड रुपयों से अधिक रुपयों की जमा राशि बैंक में हैं । साथ ही १ सहस्र ८० किलो सोना एवं ७२ सहस्र किलो से अधिक चांदी (रजत) हैं । इसके अलावा अन्य अनेक शक्तीपीठों में भी अरबों रुपयों की संपत्ति हैं ।
संपादकीय भूमिका
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