Land Jihad : मस्जिद के नाम पर मुंबई, भयंदर, नवी मुंबई, वसई, विरार आदि स्थानों पर बड़ी मात्रा में जमीन हडपने का षडयंत्र !

  • भाजपा नेता किरीट सोमैया का मुख्यमंत्री को पत्र, सख्त नियम बनाकर कार्यवाही करने को कहा !

  • अगर ४८ घंटे के अंदर लाउडस्पीकर नहीं उतारा गया तो भाजपा सड़कों पर उतरेगी ! – किरीट सोमैया

मुंबई – मुंबई, भयंदर, नवी मुंबई, वसई, विरार, कल्याण, डोंबिवली और पनवेल में मस्जिद के नाम पर बड़े पैमाने पर जमीन जिहाद चलाकर जमीन हडपने का षड्यंत्र चल रहा है। मस्जिद के नाम पर अनधिकृत मकान, झोपड़ियां, चॉल और विस्तार का निर्माण किया जा रहा है। कई जगहों पर सरकारी जमीन पर, खेतों में, ग्रीन बेल्ट पर या समुद्र के पास मैंग्रोव पर अनाधिकृत निर्माण कर उसे मस्जिद का नाम दे दिया जाता है। इस पर लाउडस्पीकर भी लगाए जाते हैं; लेकिन ऐसी अधिकांश मस्जिदों में संबंधित व्यक्ति लाउडस्पीकर बजाने के लिए पुलिस या नगर निगम से अनुमति नहीं लेते हैं। भाजपा नेता किरीट सोमैया ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि अगर मस्जिदों के नाम पर जमीन हडपी जा रही है, खुली सरकारी जमीन पर या ‘नो डेवलपमेंट जोन’, सीआरजेड (तटीय विनियमन क्षेत्र) में निर्माण हो रहा है, तो इस संबंध में सख्त कदम उठाए जाने चाहिए, सख्त नियम स्थापित किए जाने चाहिए और इन लोगों के विरुद्ध आपराधिक कार्यवाही की जानी चाहिए। उन्होंने घाटकोपर और भांडुप में २५ अनधिकृत मस्जिदों और लाउडस्पीकरों के बारे में भी जानकारी दी है। (पुलिस और प्रशासन को यह जानकारी क्यों नहीं मिलती ? – संपादक) साथ ही चेतावनी दी है कि यदि ४८ घंटे के भीतर लाउडस्पीकर नहीं उतारे गये तो भाजपा सड़कों पर उतरेगी। (ऐसी चेतावनी क्यों जरूरी है? सिस्टम काम क्यों नहीं कर रहा है? – संपादक)

पत्र में बताए गए महत्वपूर्ण सूत्र

१. मुख्यमंत्री ने विधानसभा में मस्जिदों पर लाउडस्पीकर बजाने की पुलिस अनुमति के साथ ही लाउडस्पीकर की आवाज से होने वाले ध्वनि प्रदूषण, जनशिकायतों और अनाधिकृत मस्जिदों को पुलिस अनुमति दिए जाने के संबंध में कार्यवाही की घोषणा की थी।

२. पिछले २ महीनों में, मैंने इस संबंध में मुंबई के मुलुंड, भांडुप, विक्रोली (पार्कसाइट), घाटकोपर (पश्चिम) आदि पुलिस स्टेशनों का दौरा किया है।

३. मैं घाटकोपर (पश्चिम) पुलिस स्टेशन गया। उस समय पुलिस अधिकारियों ने कहा था कि हमारे क्षेत्र में किसी भी मस्जिद में लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति नहीं है। हमने इस पर आपत्ति जताई तो हमें बताया गया कि अगर मस्जिद पर लाउडस्पीकर लगाए जाते हैं तो इसके लिए अनुमति लेनी होगी। अगले ४ दिनों में ३३ मस्जिदों के प्रतिनिधियों ने पुलिस स्टेशन में अनुमति के लिए आवेदन किया। घाटकोपर (पश्चिम) के अन्य पुलिस थानों और अधिकांश स्थानों पर मस्जिदों की स्थिति भी ऐसी ही है। (पुलिस को इसकी जानकारी नहीं है अथवा उन्होंने जानबूझकर इसे अनदेखा किया है। उनके विरुद्ध भी कार्यवाही होनी चाहिए ! – संपादक)

४. जब पुलिस अनुमति देती है, तो वह एक बार में ३० दिनों के लिए, सुबह ६ बजे से रात १० बजे तक की अनुमति देती है। इसका हर ३० दिन में नवीनीकरण किया जाता है; हालांकि, अनुमति देते समय पुलिस किसी भी तरह के साक्ष्य, मस्जिद के स्वामित्व, प्राधिकरण/अनधिकृतता, यह मस्जिद है या नहीं, या यह दो-चार कमरों वाली अवैध संरचना है या नहीं, आदि के बारे में पूछताछ नहीं करती है। (क्या पुलिस जानबूझकर जांच नहीं कर रही है? – संपादक)

५. इस मस्जिद पर लगे लाउडस्पीकर बाहर की ओर लगे हैं, जिसका अर्थ है कि इन्हें आसपास के लोगों को सुना जा सके। इन लाउडस्पीकरों के संबंध में शिकायतें भी दर्ज नहीं की जातीं।

६. लाउडस्पीकर की आवाज़ कितनी तेज़ है ? इसे कभी भी ऑडियोमीटर द्वारा सत्यापित नहीं किया जाता। इस ध्वनि प्रदूषण के संबंध में न तो महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और न ही उसके अधिकारी कोई जांच कर रहे हैं और न ही कोई कार्यवाही कर रहे हैं। (महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को केवल हिन्दू त्योहारों से होने वाला प्रदूषण ही दिखता है, और उसी पर कार्यवाही होती है! – संपादक)