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दापोली (जिला रत्नागिरी, महाराष्ट्र) – होली की पूर्वसंध्या में दापोली तहसील के तरीबंदर में जेट्टी में बैठने के स्थान को लेकर तथा ‘डंपर’ लगाने के कारण को लेकर स्थानीय मोहल्ला के मुसलमानों ने हिन्दुओं पर पथराव किया । उसके प्रति उत्तर में स्वरक्षा हेतु हिन्दुओं ने भी पथराव कर उसका प्रतिकार किया । इससे यहां बहुत तनाव का वातावरण बन गया । पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने का प्रयास किया । यह घटना १२ मार्च की सायंकाल ६.४५ के आसपास हुई । इस मारपीट की घटना में १४ लोग घायल हुए हैं तथा ८ वाहनों में तोडफोड की गई है । दापोली के उपजिला चिकित्सालय में घायलों का उपचार चल रहा है । इस प्रकरण में दोनों गुटों ने एक-दूसरे के विरुद्ध शिकायत पंजीकृत की है । इसके कारण पाजपंढरी एवं अडखळ इन गांवों में रातभर पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई । पुलिस इसकी और जांच कर रही है ।
१. प्राप्त जानकारी के अनुसार अडखळ तरीबंदर में जेट्टी पर बैठने के स्थान को लेकर तथा वाहन लगाने को लेकर दोनों गुटों में विवाद हुअ ।
२. होली के उपलक्ष्य में हिन्दू मच्छिमारों ने अडखल मोहल्ले की बाजू में स्थित खाडी में अपनी नौकाएं खडी की थीं । तब हिन्दू मच्छिमारों ने ‘इस बार हमारी नौका को खतरा उत्पन्न हो सकता है’, यह संभावना व्यक्त की थी ।
३. १२ मार्च को एक हिन्दू युवक द्वारा एक वाहन का छायाचित्र खींचे जाने के उपरांत ‘तुमने वाहन का छायाचित्र क्यों खींचा ?, इसका उत्तर मांगा ।
४. उसके तुरंत उपरांत मोहल्ले के कुछ मुसलमान युवकों तथा महिलाओं ने वहां के हिन्दुओं पर जोरदार पथराव किया । (केवल मुसलमान पुरुष ही नहीं, अपितु मुसलमान महिला भी हिन्दूद्वेषी होती हैं, यह दर्शानेवाली और एक घटना – संपादक)
५. उसके उपरांत पाजपंढरी तथा अडखळ मोहल्ला की भीड एक दूसरे के सामने आई तथा उन्होंने एक-दूसरे पर पत्थर की बोछार की । इसमें लगभग १४ लोग घायल हुए ।
६. दापोली पुलिस थाने को इस मारपीट की सूचना मिलने पर यहां के पुलिस निरीक्षक विवेक अहिरे ्अन्य पुलिसकर्मियों के साथ घटनास्थल पहुंचे । उन्होंने भीड को शांत करने का प्रयास किया । जिला पुलिस अधीक्षक धनंजय कुलकर्णी ने अडखल जाकर स्थिति का अवलोकन किया ।
७. वर्तमान समय में यहां तनावपूर्ण शांति है तथा रात को शांति समिति की बैठक भी ली गई । अधीक्षक कुलकर्णी ने दोनों गुटों के प्रमुखों से बातचीत की, साथ ही लोगों को शांति बनाए रखने का तथा कानून को हाथ में न लेने का आवाहन किया ।
पुलिस प्रशासन की भूमिका संदेहजनक !
स्थानीय सूत्रों द्वारा इस घटना के विषय में ‘सनातन प्रभात’ को दी गई जानकारी के अनुसार पुलिस ने पहले दोनों गुटों के १०-१० लोगों को दापोली पुलिस थाने में बुलाया, तो उसके कारण कुछ प्रमुख हिन्दू कार्यकर्ता दापोली गए; परंतु संबंधित पुलिस अधिकारी जहां घटना हुई, वहां के अर्थात हर्णे पुलिस थाने गए । उन्होंने हर्णे के अन्य कुछ हिन्दू कार्यकर्ताओं को वहां बुलाय । ‘आपके निर्देश के अनुसार हमारे प्रमुख दापोली गए हैं’, ऐसा कार्यकर्ताओं ने हर्णे पुलिस थाने में बताया । उस समय पुलिस ने इस प्रकरण में समझौता कर कार्यकर्ताओं को घर जाने के लिए कहा; परंतु दापोली पुलिस थाने में दोनों गुटों के ७ – ७ लोगों की पुलिस के सामने बातचीत हुई । पुलिस ने कहा, ‘‘त्योहार चल रहा है; इसलिए हम पुलिसकर्मियों की तैनाती बढाएंगे । घटनास्थल पर १० पुलिसकर्मी रखेंगे ।’’ इस समय प्रमुख हिन्दू कार्यकर्ताओं ने ‘होली के त्योहार में हमारी जो नौकाएं शोभायात्रा में जानेवाली हैं, वे गाजे-बाजे के साथ नीचली बाजू से जानेवाली हैं ।’’ इस पर पुलिस ने हिन्दुओं के इस वक्तव्य का विरोध करते हुए कहा कि नीचली बाजू से गाजे-बाजे से नहीं जाना है; परंतु हिन्दुओं ने पुलिस के इस आदेश का विरोध किया । अंततः इस त्योहार में कोई अप्रिय घटना न हो; इसके लिए पुलिसकर्मियों की तैनाती में त्योहार मनाना सुनिश्चित किया गया ।
संपादकीय भूमिकाहिन्दुओं के त्योहारों के समय कुछ तो कारण निकालकर हिन्दुओं पर आक्रमण करना मुसलमानों की पुरानी आदत है । ऐसे लोगों को सीधा करने के लिए कानून के कठोर कार्यान्वयन सहित प्रभावी हिन्दू संगठन समय की मांग है ! |