भारी मात्रा में विरोध होने पर निर्णय पीछे लिया गया !
रांची (झारखंड) – यहां के ‘राजेंद्र इन्स्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइन्सेस (आर्.आइ.एम्.एस्.)’ में सरस्वती पूजा मनाने पर प्रतिबंध लगाया गया था । गत अनेक वर्ष से चल रहा यह कार्यक्रम रद्द करने का आदेश दिया गया था । ‘आर्.आइ.एम्.एस्.’ के प्रशासन ने विद्यार्थियों को ठीक समय पर पूजा के विषय में सभी सिद्धता रोकने तथा चंदे के पैसे वापस करने के आदेश दिए; परंतु इसका कडा विरोध होने से रद्द करने का आदेश पीछे लिया गया ।
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ये अबुआ सरकार है ।
यहां नफ़रत और सांप्रदायिकता के लिए कोई स्थान नहीं है ।
यहां प्रत्येक धर्म, प्रत्येक जाति, प्रत्येक व्यक्ति के अधिकारों की रक्षा होगी ।
बिना किसी भय के, बिना किसी पक्षपात के ।और मां सरस्वती पूजा को लेकर जो भी लोग सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ना चाहते थे और राजनीति करना चाहते थे वो… pic.twitter.com/OvdRMGtRhm
— Dr. Irfan Ansari (@IrfanAnsariMLA) January 26, 2025
१. प्रतिवर्ष विद्यार्थी एकत्रित रूप से ‘आर्.आइ.एम्.एस्.’ में सरस्वती पूजा आयोजित करते हैं । यह कार्यक्रम ‘एम्.बी.बी.एस्.’ के दूसरे वर्ष के विद्यार्थियों की ओर से आयोजित किया जाता है । इस वर्ष की सरस्वती पूजा उत्सव के लिए विद्यार्थियों ने लाखों रुपयों का अर्पण एकत्रित कर पूरी व्यवस्था की थी । लगभग ७० प्रतिशत कार्य पूर्ण हो गया था ।
२. ‘आर्.आइ.एम्.एस्.’ के अधिष्ठाता (डीन) शशिबाला सिंह ने २५ जनवरी को एकाएक पूजा रद्द करने का आदेश जारी किया । ‘आर.आइ.एम्.एस्.’ प्रशासन के इस आदेश पर विद्यार्थियों ने अप्रसन्नता व्यक्त की ।
३. ‘आर्.आइ.एम्.एस्.’ के न्यूरोसर्जन डॉ. विकास कुमार ने भी इस आदेश के विरुद्ध आवाज उठाई । उन्होंने ‘एक्स’ पर प्रसारित पोस्ट में कहा गयानिषेधार्य कि ‘आर्.आइ.एम्.एस्.’ के उच्चपदस्थ अधिकारी उनकी न्यूनता छिपाने के लिए देश की सांस्कृतिक परंपराओं पर सीधे आक्रमण कर रहे हैं, जो प्रत्येक दृष्टि से निषेधार्ह है ।
४. भाजपा द्वारा इस निर्णय का तीव्रता से विरोध किया गया । सामाजिक माध्यमों पर भारी मात्रा में विरोध होने पर ‘आर्.आइ.एम्.एस्.’ द्वारा प्रतिबंध लगाने का निर्णय पीछे लिया गया ।
संपादकीय भूमिकाहिन्दुओं काे यह ध्यान में लेना चाहिए कि हिन्दूद्वेष से भरे सत्ताधारी ‘झारखंड मुक्ति मोर्चा’ को पुन: सत्ता में लाने का ही यह परिणाम है ! |