‘सनातन प्रभात’ नियतकालिकों का ‘ऑनलाइन’ प्रसारकार्य !

‘यू ट्यूब’ के द्वारा बडे स्तर पर प्रसार

वर्तमान में वीडियो (ध्वनीचित्रीकरण) विचारों को प्रसृत करने का तथा लोगों को जमाए रखने का प्रचलित माध्यम बन गया है । ‘सनातन प्रभात’ भी विगत कुछ वर्षाें से वीडियोज के माध्यम से बडे स्तर पर जागृति लाने का प्रयास कर रहा है । ‘सनातन प्रभात’ वीडियोज के माध्यम से हिन्दुओं पर हो रहे अन्याय-अत्याचारों को लोगों के सामने रखने का प्रयास करता है । इसके साथ ही विभिन्न स्थानों पर हिन्दूसंगठन के हो रहे प्रयास, विभिन्न स्थानों पर स्थित हिन्दू संस्कृति के पदचिन्ह, हिन्दुओं द्वारा हिन्दुत्व की रक्षा हेतु किए गए प्रयास, हिन्दुओं का वैचारिक उद्बोधन आदि के वीडियोज ‘सनातन प्रभात’ के अधिकृत ‘यू ट्यूब’ चैनल से अब तक प्रसारित किए गए हैं ।

डेली हंट

सहस्रों एप की भीड में ‘डेली हंट’ न्यूज एप सबसे प्रचलित एप्स में से एक हुआ है । ‘यूनिकॉर्न’ प्रतिष्ठान (किसी नए प्रतिष्ठान का मूल्य कुछ ही वर्षाें में १ बिलियन डॉलर अर्थात ८०० करोड रुपए से अधिक होना) बने इस एप का उपयोग २० करोड से अधिक लोग कर रहे हैं । इस एप पर ३ सहस्र से अधिक महत्त्वपूर्ण समाचार पत्र एवं न्यूज पोर्टल्स (समाचार जालस्थलों) आदि के खाते हैं । इसके कारण पाठकों को एक ही स्थान पर सभी प्रकार के समाचार पढने को मिलते हैं । इस एप पर ‘सनातन प्रभात’ के मराठी, हिन्दी, कन्नड एवं अंग्रेजी, ये ४ खाते हैं तथा उस माध्यम से प्रतिदिन सहस्रों लोगों तक ‘सनातन प्रभात’ के विचार पहुंच रहे हैं ।

पाक्षिक ‘सनातन प्रभात’ को २५ वर्ष पूरे हुए हैं । किसी नियतकालिक का यह स्तर प्राप्त करने को मील का पत्थर माना जा सकता है; परंतु वर्तमान का वैश्विक चलन देखा जाए, तो इस उपलब्धि की ओर अधिक विशेषता से देखना होगा । इसका कारण यह कि वर्तमान समय ‘ऑनलाइन’ जगत का है । पिछले एक-डेढ दशक में वार्तांकन करने तथा समाचारों का प्रसार करने में आमूलचूल परिवर्तन आए हैं । एक समय में दूसरे दिन के समाचार पत्र में समाचार प्रकाशित होने तक उस समाचार की अधिक चर्चा नहीं होती थी । २ दशक पूर्व के काल पर दृष्टि डालने पर यह हमारे ध्यान में आएगा कि ‘आकाशवाणी’, ‘दूरदर्शन’ तथा कुछ चुनिंदा समाचार वाहिनियों को छोडकर समाचार ज्ञात होने हेतु समाचार पत्र ही महत्त्वपूर्ण तथा प्राथमिक माध्यम था; परंतु आज कोई समाचार समाचार वाहिनी पर प्रसारित होने से पूर्व ही वह ‘एक्स’, ‘टेलिग्राम’, ‘फेसबुक’ आदि सामाजिक माध्यमों पर (सोशल मीडिया पर) पहले प्रसारित होता है तथा उसके कुछ ही मिनटों/घंटों में समाचार वाहिनियों के जालस्थलों तथा समाचार वाहिनियों पर प्रसारित होता है । उसके कारण ‘सोशल मीडिया’ के इस जगत में समाचार पत्रों के संबंध में बोलने की कोई प्रासंगिकता नहीं रह गई है । व्यावसायिक पत्रकारिता, अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी तथा सामाजिक माध्यमों की धूम में ‘सनातन प्रभात’ का रजत जयंती महोत्सव इसीलिए अधिक विशेष बनता है ।

वर्तमान में पारंपारिक पद्धति से समाचार पत्रों के वाचन की संस्कृति वैसे विलुप्त हो रही है । ‘अब वह वरिष्ठ नागरिकों तक ही सीमित रह गई है’, ऐसा कहना अनुचित नहीं होगा । उसके कारण समाचार पत्रों को अथवा ‘मीडिया हाउसेस’ को अपना अस्तित्व टिकाए रखने हेतु नई पद्धतियों को (सामाजिक माध्यमों को) आत्मसात करना अनिवार्य बन गया है । उसमें यदि ‘सनातन प्रभात’ का विचार किया जाए, तो ‘हिन्दू राष्ट्र’ की दैवी संकल्पना को साकार करने हेतु ‘सनातन प्रभात’ द्वारा चलाया जा रहा उद्बोधन का कार्य आज उसी निश्चय के साथ ‘ऑनलाइन’ प्रसारित होना अति आवश्यक है । इस दृष्टिकोण से ‘सनातन प्रभात’ के द्वारा चल रहे प्रयासों की समीक्षा तथा आगे की दिशा बताने का यह प्रयास !

‘‘सनातन प्रभात’ का जालस्थल www.SanatanPrabhat.org !

१ अ. प्रारंभ : ऊपर बताए अनुसार ‘सनातन प्रभात’ की स्थापना से लेकर आरंभिक कुछ वर्षाें में उसमें समाहित समाचार ऑनलाइन प्रसारित करने हेतु ‘ब्लॉग’ का उपयोग किया जाता था । दिसंबर २०१६ में ‘सनातन प्रभात’ के जालस्थल www.SanatanPrabhat.org का शुभारंभ हुआ । जिस प्रकार ‘सनातन प्रभात’ नियतकालिक मराठी, हिन्दी, कन्नड एवं अंग्रेजी, इन भाषाओं में हैं, उसी प्रकार पहले दिन से ही यह जालस्थल इन चारों भाषाओं में कार्यान्वित हुआ । अब इस जालस्थल को लगभग साढे सात वर्ष पूर्ण हुए हैं । इस अवधि में ‘सनातन प्रभात’ के जालस्थल का कार्य गति से बढा ।

१ आ. जालस्थल की विशेषता : ‘सनातन प्रभात’ जालस्थल पर राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय समाचारों सहित महाराष्ट्र एवं गोवा राज्य के स्थानीय समाचार भी प्रसारित किए जाते हैं । इसके साथ ही ‘सनातन प्रभात’ का संपादकीय, प्रसिद्ध लेखकों के लेख आदि भी प्रकाशित होते हैं । नियतकालिक में भले ही स्थान की मर्यादा होती है; परंतु यह मर्यादा जालस्थल के संबंध में न होने से समाचार एवं लेखों के साथ ही छायाचित्र, ट्वीट्स, वीडियो आदि प्रसारित करने से वह विषय और अधिक अच्छे ढंग से पाठक की समझ में आता है ।

सामाजिक माध्यमों से ‘सनातन प्रभात’ का प्रसार !

अ. ‘एक्स’ (ट्विटर) : किसी भी विचार का प्रसार करने हेतु वर्तमान में ‘एक्स’ को सर्वाेत्तम माध्यम माना जाता है । ‘सनातन प्रभात’ भी हिन्दू राष्ट्र के विचारों का प्रभावी प्रसार करने हेतु इस माध्यम का प्रतिदिन उपयोग करता है । इस माध्यम से हिन्दुओं के आघात के समाचार, लेख आदि का प्रसार किया जा रहा है । इस माध्यम से अनेक संगठन, विशेषज्ञ लोग, राजनेता सरकारी अधिकारी आदि ‘एक्स’ के माध्यम से ‘सनातन प्रभात’ से जुड गए हैं । ‘एक्स’ पर ‘सनातन प्रभात’ तथा ‘सनातन प्रभात कन्नड’, ऐसे २ खाते हैं ।

आ. टेलिग्राम : विदेशों में इस माध्यम का बडे स्तर पर उपयोग किया जाता है । कुछ स्थानों पर सरकारी नीतियां बताने हेतु इसका प्रधानता से उपयोग किया जाता है । टेलिग्राम पर ‘सनातन प्रभात’ के भी ४ भाषाओं में खाते हैं तथा उनके माध्यम से प्रतिदिन के समाचारों का संबंधित बुलेटिन प्रसारित किया जाता है ।

इ. वॉट्सएप : ‘वॉट्सएप’ वर्तमान मानवीय जीवन का अभिन्न अंग बन गया है’, ऐसा कहना अतिशयोक्तिपूर्ण नहीं होगा । इस माध्यम से प्रतिदिन ‘सनातन प्रभात’ के द्वारा किया जानेवाला लेखन लोगों तक पहुंचाया जाता है ।

ई. फेसबुक एवं इंस्टाग्राम : ‘सनातन प्रभात’ पर आधारहीन आरोप लगानेवाले कुछ हिन्दूद्वेषी लोगों के कारण पहले ही साम्यवादियों के हाथ के खिलौने बन चुके फेसबुक एवं इंस्टाग्राम, इन सामाजिक माध्यमों से धर्मप्रसार करने में ‘सनातन प्रभात’ को कुछ मर्यादाएं आई हैं । जिस प्रकार से अनेक हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन दक्षिणपंथी एवं उदारवादी पाश्चात्यों के षड्यंत्र का शिकार बनी हैं, उसमें ‘सनातन प्रभात’ का भी समावेश है । अर्थात यही तो ‘सनातन प्रभात’ के हिन्दुत्व की तथा राष्ट्रनिष्ठ कार्य की अद्वितीय फलोत्पत्ति है, ऐसा कहा जा सकता है ।

उ. ‘इवनिंग इंसाइट’ का आरंभ : ‘सनातन प्रभात’ की ओर से प्रतिदिन रात को महत्त्वपूर्ण घटनाओं तथा उनपर संपादकीय टिप्पणियां अंग्रेजी भाषा में प्रसारित की जाती हैं । इस बुलेटिन का नाम ‘इवनिंग इंसाइट’ (Evening Insight) है तथा उसके नाम के अनुसार इससे किसी भी घटना के मूल उद्देश्य पर प्रकाश डालने का प्रयास किया जाता है । दूसरे शब्दों में कहा जाए, तो इससे ‘Experience the change in reading news. Visit daily to get ‘Bharatiya’ & ‘Hindu’ Editorial viewpoints !’, यह संदेश पहुंचाने का यह प्रयास है । इसका अर्थ – ‘समाचार पढने की भिन्नता का अनुभव कीजिए । ‘भारतीय’ एवं ‘हिन्दू’ दृष्टिकोण जान लेने हेतु प्रतिदिन देखें : SanatanPrabhat.org’ । संक्षेप में कहा जाए, तो ‘सनातन प्रभात’ के माध्यम से दिए जानेवाले संपादकीय दृष्टिकोणों को आधुनिक अंग्रेजी भाषा में ऑनलाइन माध्यम से तुरंत पहुंचाने का यह एक छोटासा प्रयास है ।

र्ऊ. मराठी, हिन्दी, कन्नड एवं अंग्रेजी, इन भाषाओं के द्वारा प्रसार : ‘सनातन प्रभात’ नियतकालिकों का विचार किया जाए, तो दैनिक केवल मराठी भाषा में है, कन्नड भाषा में साप्ताहिक है तथा हिन्दी एवं अंग्रेजी भाषाओं में पाक्षिक है । भले ही ऐसा है, तब भी प्रतिदिन होनेवाली घटनाएं जालस्थलों पर कन्नड, हिन्दी एवं अंग्रेजी, इन भाषाओं में प्रसारित की जाती हैं । इसके कारण दैनिक ‘सनातन प्रभात’ में समाहित राष्ट्र एवं धर्म से संबंधित विशेषतापूर्ण दृष्टिकोण विभिन्न भाषाओं में पूरे देश के लोगों तक पहुंच रहे
हैं । इस एकमेवाद्वितीय जालस्थल की विशेषता यह है कि इससे संबंधित सेवा करनेवाले सभी लोग साधक ही हैं, जो विभिन्न शहरों, राज्यों तथा पूरे देश में फैले हुए हैं; परंतु प्रतिदिन वे लगन के साथ यह सेवा करते हैं ।

‘सनातन प्रभात’ के वीडियोज देखकर समाज के लोगों से प्राप्त उत्स्फूर्त अभिमत !

अ. संभाजी महाराज के विषय में अत्यंत महत्त्वपूर्ण जानकारी मिली ! – एक व्यक्ति (संभाजी महाराज पर बनाया गया वीडियो)

आ. ‘सनातन प्रभात’, आभारी हूं । हिन्दुओं को जागने की आवश्यकता है ! – धनंजय चितंबर (वीर सावरकर फिल्म देखनेवाले कोल्हापुर के लोगों के अभिमत का वीडियो)

इ. ‘सनातन प्रभात’ के द्वारा प्रशंसनीय वार्तांकन हो रहा है । इसके लिए हमसे
धन्यवाद ! – झारखंड से संचालित ‘रिलिजियस सर्विस’ नाम का खाता (वाराणसी में ज्ञानवापी के तहखाने में हिन्दुओं को पूजा का अधिकार मिलने की जानकारी देनेवाला वीडियो)