Varanasi 250 Yr Old Temple Found : वाराणसी के मुस्लिम बहुल क्षेत्र में बंद मिला २५० साल पुराना मंदिर।

मंदिर खोलने के लिए मुख्यमंत्री से अपील

वाराणसी (उत्तर प्रदेश) – यहां के मुस्लिम बहुल मदनपुरा क्षेत्र में २५० साल पुराना मंदिर पिछले १० वर्षों से बंद होने की बात सामने आई है। इस मंदिर का अंदरूनी हिस्सा कीचड से भरा हुआ है। इसकी जानकारी मिलते ही सनातन रक्षक दल के सदस्य मौके पर पहुंचे। इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए सदस्यों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मंदिर का ताला खोलने की मांग की है। इस मंदिर पर ताला किसने लगाया, इसकी जानकारी अभी तक नहीं मिल पाई है।घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस भी मंदिर के स्थान पर पहुंची और सदस्यों को शांत करके वहां से वापस भेज दिया। वर्तमान में वहां पुलिस बल तैनात किया गया है।

‘काशीखंड’ ग्रंथ में मंदिर का उल्लेख

सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा ने बताया कि १६  दिसंबर को दोपहर में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट प्रसारित हुई। “ध्यान दें…” “काशी की सड़कों पर एक शिव मंदिर बंद अवस्था में है। यह मंदिर मदनपुरा स्थित मकान नंबर डी-31 के पास है,” इस प्रकार की पोस्ट पढ़ने के बाद मैं मौके पर पहुंचा, तो मुझे मंदिर दिखाई दिया। बताया जा रहा है कि यह २५० साल पुराना है। पिछले 10 वर्षों से इस पर ताला लगाया गया है। आसपास रहने वाले लोग मंदिर के बारे में स्पष्ट रूप से कुछ भी बताने से मना कर रहे थे। (आसपास रहने वाले मुसलमान हैं, इसलिए वे इसकी जानकारी क्यों और कैसे देंगे ? – संपादक) मंदिर का अंदरूनी भाग मिट्टी से भरा हुआ है। उन्होंने बताया कि ‘काशीखंड’ ग्रंथ में इस मंदिर का उल्लेख है।

प्रशासन की टीम करेगी निरीक्षण: डीसीपी

काशी क्षेत्र के उपायुक्त गौरव बंसवाल ने बताया कि मंदिर प्राचीन है और इसके दरवाजे पर ताला लगा हुआ है। “मंदिर किसके स्वामित्व में है ?” यह कोई भी बता नहीं सका। प्रशासन की टीम घटनास्थल का निरीक्षण कर स्थिति स्पष्ट करेगी। प्रशासनिक अधिकारियों के निर्देशानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। एहतियात के तौर पर घटनास्थल पर पुलिस बल तैनात किया गया है।

संपादकीय भूमिका 

संभल में भी मुस्लिम बहुल क्षेत्र में शिव मंदिर मिला था और अब वाराणसी में भी ऐसा ही मंदिर मिला है। देश के सभी मुस्लिम बहुल इलाकों की जांच कर यह पता लगाना चाहिए कि वहां और कितने मंदिर छिपाए गए हैं। इसे उजागर करने के लिए हिंदुओं को राज्य सरकारों पर दबाव बनाना चाहिए।