Encroached Temple Found In SAMBHAL : संभल (उत्तर प्रदेश) में मुसलमान बहुसंख्यक क्षेत्र में ४६ वर्षों से बंद मंदिर पाया गया !

  • वर्ष १९७८ में हुए दंगों के उपरांत पलायन किए हुए हिन्दुओं का था मंदिर !

  • प्रशासन एवं पुलिस द्वारा अतिक्रमण तथा बिजली की चोरी के विरुद्ध कार्यवाही

  • अनेक मस्जिदों में बिजली चुराकर प्रयोग होता था बिजली का !

संभल में अतिक्रमण एवं बिजली चोरी के विरुद्ध कार्यवाही के चालू रहते यहां ४६ वर्षों से बंद शिवमंदिर मिला

संभल (उत्तर प्रदेश) – यहां शाही जामा मस्जिद परिसर में जिला प्रशासन ने १४ दिसंबर को सवेरे से अतिक्रमण एवं बिजली चोरी के विरुद्ध सीधा अभियान चलाया । इस कार्यवाही के चालू रहते यहां महमूद खा सराय क्षेत्र में ४६ वर्षों से बंद शिवमंदिर मिला । इस मंदिर में शिवलिंग, श्री हनुमानजी, श्री कार्तिकेय की मूर्तियां मिली हैं । प्रशासन एवं पुलिस ने यह मंदिर खोल दिया है । यह मंदिर वर्ष १९७८ के हिन्दू-मुसलमान दंगों के समय बंद किया गया था । इन दंगों के उपरांत इस क्षेत्र के २० से २५ हिन्दू परिवार पलायन कर गए थे । उनमें से एक हिन्दू परिवार का यह मंदिर था । उन्होंने यह मंदिर बेच दिया एवं तब से वह बंद था । यहां के समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क के घर से कुछ ही दूरी पर यह मंदिर है । (ऐसा होते हुए भी उन्होंने इस मंदिर के संवर्धन हेतु कुछ भी नहीं किया है । इससे समाजवादी पार्टी एवं उनमें से भी मुसलमान सांसदों की मानसिकता कैसी है, यह ध्यान में आता है ! – संपादक) जिला दंडाधिकारी राजेंद्र पेन्सिया एवं पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिष्णोई की निगरानी में मंदिर की स्वच्छता की गई एवं यहां निर्माणकार्य कर छुपाया गया कुआं उजागर करने का काम चालू है । इस घर के मालिक (स्वामी) को ढूंढा जा रहा है । पुरातत्व विभाग को मंदिर का निरीक्षण करने हेतु कार्बन डेटिंग (इस परीक्षण से संबंधित वस्तु कितनी पुरानी है, उसका परीक्षण किया जाता है) करने को कहा गया है ।

१. बिजली चोरी के विरुद्ध अभियान में ३०० से अधिक घरों में बिजली-चोरी देखी गई है । इन में अनेक मस्जिदें समाहित हैं । एक मस्जिद में ५९ पंखे, एक शीतकपाट (फ्रीज), कपडे धुलाई यंत्र (वाशिंग मशीन) एवं २५ ते ३० ‘लाईट पौइंट’ (जहां से घर में अथवा भवनों में बिजली प्रवाहित की जाती है, वह स्थान) बिजली की चोरी कर चलाए जाते है, ऐसा दल के ध्यान में आया है ।

२. बिजली विभाग के कार्यकारी अभियंता नवीन गौतम ने कहा ‘अपराधियों पर कडी कार्यवाही की जा रही है । विद्युत् विभाग के दलों की सुरक्षा हेतु पुलिस ने इस क्षेत्र में पुलिस दल की २ टुकडी नियुक्त की है ।

३. जिलाधिकारी ने कहा ‘संभल शहर सर्वाधिक बिजली-चोरी करनेवाले क्षेत्र के रूप में कुप्रसिद्ध (बदनाम) है । यहां प्रति मास करोडों रुपयों की बिजली चोरी होती रहती है । इस कारण यहां सवेरे से यह कार्यवाही चालू की गई है । अतिक्रमण भी हटाएं जा रहे हैं । बिजली चोरी के विरुद्ध कार्यवाही के समय अतिक्रमण के कारण बंद मंदिर पाया गया ।’

४. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री. चंद्र ने कहा ‘कोई भी धार्मिक स्थल अथवा सार्वजनिक साधन-संपत्ती पर हो रहा अतिक्रमण स्वीकार नहीं करेंगे । अतिक्रमण करनेवालों पर कडी कानूनन कार्यवाही की जाएगी ।’

भय के कारण मंदिर की पूजा हेतु पुजारी निवास करने का साहस करता नहीं था !

नगर हिन्दू सभा के रक्षक विष्णु शरण रस्तोगी ने कहा ‘हम खग्गु सराय क्षेत्र में रहते थे । वर्ष १९७८ के पश्चात हमने अपना घर बेच दिया । यहां भगवान शिवजी का मंदिर था । हम इस मंदिर की देखभाल न कर सके । इस स्थान पर एक भी पुजारी नहीं रहता । पुजारी यहां रहने का साहस नहीं करता था । (मुसलमानबहुसंख्यक क्षेत्रों में हिन्दू निवास करने को भयभीत हैं, जबकि हिन्दुबहुसंख्यक क्षेत्रों में मुसलमान दादागिरी करते हुए रहते हैं ! – संपादक) तभी से यह मंदिर बंद था एवं आज वह खोला गया है । पुलिस के कारण मंदिर खोला गया है ।

संपादकीय भूमिका 

  • भारत में हिन्दुओं को धर्मांध मुसलमानों के अत्याचारों के कारण ही देश में से पलायन करना पडता है एवं इस कारण उनके मंदिरों पर मुसलमान नियंत्रण पा लेते हैं, इस विषय में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज दल, कांग्रेस आदि तथाकथित सर्वधर्मसमभाववाली राजनीतिक पार्टियां मुंह नहीं खोलती, यह बात ध्यान में लें !
  • इसी प्रकार कुछ शतकों पूर्व मुसलमान आक्रामकों ने यहां स्थित श्री हरिहर मंदिर नियंत्रित कर उसका परिवर्तन शाही जामा मस्जिद में किया है, यह ध्यान में आता है !
  • बिजली चोरी के द्वारा देश में अपराध करने में कौन सबसे आगे है, यह भी ध्यान में आता है । ‘देश के संसाधनों पर प्रथम अधिकार मुसलमानों का है’, क्या ऐसा कहनेवालों ने ही उनको इस प्रकार संसाधन का प्रयोग करने की अनुमति दी ?, ऐसा प्रश्‍न उठता है !