मुसलमानों के घर पर पथराव तथा वाहन की आगजनी
हावेरी (कर्नाटक) – हावेरी जिले के कडाकोळ गांव में हिंन्दुओं के घर, भूमि तथा मंदिरों को वक्फ बोर्ड नियंत्रण में लेगा इस बात को लेकर तनाव उत्पन्न हो गया है । हिंन्दुओं को जानकारी मिली कि गांव के मुसलमानों ने यहां के हिंन्दुओं की भूमि वक्फ को देने हेतु याचिका दाखिल की है । इस कारण यहां हिन्दू एवं मुसलमानों में विवाद होकर पथराव की घटना घटी । ३० अक्टूबर देर रात्रि यह घटना घटी ।
१. गांव में मुसलमानों द्वारा हनुमान मंदिर तथा दुर्गा मंदिर के अहाते की भूमि वक्फ भूमि के रूप में घोषित करने हेतु याचिका प्रविष्ट (दाखिल) करने का आरोप स्थानीय हिंन्दुओं ने किया है । तत्पश्चात गांव के हिंन्दुओं न गांंव के मोहम्मद रफी से इस विषय में चर्चा की तो विवाद उत्पन्न हो गया । तदुपरांत लोगों ने मोहम्मद रफी के घर पर पथराव किया । एक मोटरसाइकिल जलाई गई । इस पथराव में ५ लोग घायल हुए । इनमें गंभीर रूप से घायल हुए लोगों को उपचार के लिए हुबली भेजा गया है । घटनास्थल पर पुलिस व्यवस्था नियुक्त की गई है । गांव में रक्षित पुलिस की फौज भी नियुक्त की गई है । कहा जा रहा है कि इस प्रकरण में पुलिसकर्मियों ने लगभग ३२ लोगों को बंदी बनाया है । इनमें अधिकांश हिन्दू हैं । गांव के हिन्दुओं ने भूमि की टिप्पणी बदलने का आरोप लगाया है । उनका कहना है कि राज्य के व्यवहार मंत्री जमीर अहमद के आदेश के उपरांत भूमि की टिप्पणियां बदली गईं । इसके लिए आदेश भी दिए गए । गांंव क हिंन्दुओं को भय प्रतीत हो रहा है कि उनके घर भी वक्फ के नियंत्रण में जा सकते हैं।
३. वक्फ बोर्ड द्वारा दी गई सूची की जांच कर ब्यौरा भेेजने की प्रक्रिया आरंभ की गई है । इसलिए प्रशासन ने कहा है कि कोई भी संपत्ति वक्फ की नहीं है ।
४. इस प्रकरण के उपरांत मंत्री जमीर अहमद ने कहा कि कडाकोळ गांव में विवाद दुःखदायी है तथा वक्फ लोगों की भूमि नहीं लेगा ।
५. कांग्रेस ने मुसलमानाें के तुष्टिकरण हेतु वक्फ बोर्ड को भूमि नियंत्रण में लेने हेतु प्रोत्साहन देने का आरोप भाजपा ने किया है । उन्होंने कहा कि हावेरी के भाजपा सांसद तथा भूतपूर्व सांसद एवं मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को वक्फ के विषय में प्रसारित सुचनाएं तत्काल पीछे लेनी चाहिए ।
जमीर अहमद अधिकारियों को निरपराध हिन्दुओं पर
|
संपादकीय भूमिकावक्फ कानून निरस्त करना कितना आवश्यक हो गया है, यह प्रतिदिन सामने आनेवाली ऐसी घटनाओं से तीव्रता से प्रतीत हो रहा है । हिंन्दुओं को अब केंद्र सरकार पर वक्फ कानून में परिवर्तन करने की अपेक्षा उसे निरस्त करने हेतु दबाव उत्पन्न करना आवश्यक हो गया है ! |