Shankaracharya Nischalananda On Raising Arms : जो स्वभाव से दुष्ट हैं, उनके विरुद्ध अस्त्र उठाना अपराध नहीं !

पुरी पीठ के शंकराचार्य पू. स्वामी निश्चलानंद सरस्वती का वक्तव्य

दुष्टों के विरुद्ध शस्त्र उठाना कोई अपराध नहीं है।

अंबिकापुर (छ.ग.)- विनम्रता के नाम पर अन्याय सहना सहनशीलता नहीं है। जो लोग दुष्ट स्वभाव के हैं उनके विरुद्ध शस्त्र उठाना कोई अपराध नहीं है। देश की सेना और पुलिस लोगों की सुरक्षा के लिए शस्त्र उठाती है। सनातन धर्म का सिद्धांत भी यही कहता है। हम अहिंसा के पक्षधर हैं, पुरी पीठ के शंकराचार्य पू. स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा, किन्तु हिंसा करने वालों के विरुद्ध शस्त्र का प्रयोग करने को कदापि अयोग्य न मानें ।

शंकराचार्य द्वारा प्रस्तुत अन्य सूत्र !

प्रतीकात्मक चित्र

१. प्रधानमंत्री गौ हत्या के हस्तक बन गए हैं!

शंकराचार्य ने आगे कहा कि जब प्रधानमंत्री गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने कहा था कि तत्कालीन कांग्रेसी प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के लिए कहा था कि, ‘प्रधानमंत्री को गौ हत्या बंद करवानी चाहिए.’ अब वह स्वयं प्रधानमंत्री हैं। अब कहते हैं, गौ रक्षक गुंडे हैं। गोरक्षा के लिए आए मोदी गो हत्या के हस्तक बन गए हैं। जो भी प्रधानमंत्री बनता है वह ईसाई और मुस्लिम समाज का गुलाम बन जाता है।

२. धर्मांतरण के लिए सरकार उत्तरदायी !

मुसलमानों को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने के प्रयत्न करने वाले ४ ईसाइयों को तालिबान शासन द्वारा मृत्यु दंड दिया गया था। सनातन धर्म दर्शन, विज्ञान और आचरण से परिपूर्ण है। सेवा के नाम पर हिंदुओं को ईसाई बनाने का अपराध किया जा रहा है। धर्मांतरण के लिए सरकार ही उत्तरदायी है।

३. नेताओं का वैचारिक पतन !

देश में नेताओं का वैचारिक पतन हो रहा है। देश में राजनीति का स्तर गिर रहा है। देश में चाहे किसी भी दल की सरकार हो। मंदिर और धर्मस्थल उनके सिद्धांतों के अनुसार ही चलते हैं। किसी धर्मनिरपेक्ष सरकार को धार्मिक सूत्रों में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।