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तिरूवनंतपुरम (केरल) – केरल उच्च न्यायालय ने इस मंदिर परिसर के नादपंथल क्षेत्र में चित्रीकरण करने पर प्रतिबंध लगाते हुए कहा, ‘मंदिर कोई केक काटने का स्थान नहीं है । प्रत्येक भक्त को मंदिर की प्रथा एवं परंपराओं के अनुसार गुरुवायुर श्रीकृष्ण मंदिर में पूजा करने का अधिकार है ।’ एक महिला ने नादपंथल में केक काटकर अपना जन्मदिन मनाया तथा घटना का चित्रीकरण किया था । इसका वीडियो सामाजिक माध्यमों से प्रसारित होने के उपरांत लोग क्रुद्ध हो गए थे । ‘ऐसी घटनाएं मंदिर के प्रतिष्ठा के विरुद्ध हैं’, ऐसा कहते हुए लोगों ने कार्यवाही करने की मांग की थी ।
उच्च न्यायालय के निर्णय के कारण अब नादपंथल परिसर में विवाह समारोह एवं विशिष्ट धार्मिक कार्यक्रम के अतिरिक्त अन्य किसी भी उपक्रम का चित्रीकरण नहीं कर सकते । नादपंथल एक अस्थायी रचना है । भक्तों को गर्मी तथा वर्षा से आश्रय देने हेतु मंदिर के सामने उसका निर्माण किया गया है ।
न्यायालय ने कहा है, ‘मंदिर के अंदर का हिस्सा, विशेषत: पूर्व की ओर के ‘दीपस्तंभ’ के लिए चित्रीकरण की अनुमति नहीं दी जा सकती । प्रबंधकीय समिति, गुरुवायुर देवस्वम की रक्षा शाखा को ‘गुरुवायुर श्रीकृष्ण मंदिर के नादपंथल में ऐसा कोई भी कृत्य नहीं करना चाहिए जिससे कि भक्तों को कष्ट हो’, इसकी निश्चिति करनी पडेगी । इसमें अल्पायु के बच्चे, ज्येष्ठ नागरिक एवं विकलांग (अक्षम) व्यक्ति समाहित हैं ।’
इस समय न्यायालय ने स्पष्ट करते हुए कहा, ‘यदि आवश्यक हो, तो देवस्वोम प्रशासक पुलिस की सहायता ले सकती है । ऐसी परिस्थिति में पुलिस आवश्यक सहायता करेगी । गुरुवायुर देवस्वम प्रबंध समिति गुरुवायुर श्रीकृष्ण मंदिर में भक्तों द्वारा भगवान गुरुवायरप्पन की उचित पूजा के लिए सुविधा उपलब्ध करने पर प्रतिबद्ध है ।’