नई दिल्ली – दिल्ली न्यायालय ने कांग्रेस के नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री जगदीश टाइटलर पर १९८४ के दिल्ली में हुए सिख विरोधी दंगों के प्रकरण में हत्या का मुकदमा प्रविष्ट करने का आदेश दिया है। अदालत ने उनके विरूद्ध विभिन्न धाराओं के अंतर्गत आरोप निश्चित किए हैं। इस प्रकरण में अगली सुनवाई १३ सितंबर को होगी। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने २० मई २०२३ को टाइटलर के विरुद्ध आरोप पत्र प्रविष्ट किया था।
𝟰𝟬 𝘆𝗲𝗮𝗿𝘀 𝗮𝗳𝘁𝗲𝗿 𝘁𝗵𝗲 𝟭𝟵𝟴𝟰 𝗮𝗻𝘁𝗶-𝗦𝗶𝗸𝗵 𝗿𝗶𝗼𝘁𝘀, Delhi court orders framing of charges against #𝗖𝗼𝗻𝗴𝗿𝗲𝘀𝘀 𝗹𝗲𝗮𝗱𝗲𝗿 𝗝𝗮𝗴𝗱𝗶𝘀𝗵 𝗧𝘆𝘁𝗹𝗲𝗿
If it takes 40 years to register framing of charges against the guilty, how many more years will it… pic.twitter.com/20VkicmsAN
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) August 31, 2024
१ नवंबर १९८४ को टाइटलर पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली के गुरुद्वारा पूल बंगश के सामने एंबेसडर गाड़ी से उतरकर सिखों को मारने के लिए भीड़ को उकसाया था। इसके पश्चात गुरुद्वारे को आग लगा दी गई। इस हिंसा में ३ लोग मारे गए थे।
सिख दंगों के प्रकरण में सीबीआई (CBI) ने टाइटलर को पहले तीन बार निर्दोष घोषित किया था । २००७ में पहली बार निर्दोष घोषित किए जाने के बाद अदालत ने इस निर्णय को निरस्त करते हुए पुनः जांच का आदेश दिया। इसके पश्चात २०१३ में सीबीआई ने सबूतों के अभाव में टाइटलर को पुनः से निर्दोष घोषित किया। इस निर्णय के विरुद्ध याचिकाकर्ता अदालत गए, जिसके बाद दिसंबर २०१५ में अदालत ने सीबीआई को इस प्रकरण की आगे जांच करने के निर्देश दिए और कहा कि हम (अदालत) सुनिश्चित करेंगे कि प्रत्येक पक्ष की जांच की गई है या नहीं, तथा हर २ माह में जांच की प्रगति पर दृष्टि रखेंगे।
संपादकीय भूमिकायदि दोषियों के विरुद्ध मुकदमा प्रविष्ट करने में ४० वर्ष लग सकते हैं, तो दण्ड मिलने में कितना समय लगेगा? यह सभी सरकारों के लिए लज्जासपद है ! |