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रांची (झारखंड) – देश के ४ राज्यों झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ तथा ओडिशा में पिछले १० वर्षों में चर्चों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है। दैनिक ‘दिव्य मराठी’ की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष २०११ – १२ में एक सर्वेक्षण के अनुसार, इन राज्यों में १२ सहस्त्र ३०० चर्च थे, अब २५ सहस्त्र से अधिक है। झारखंड के गुमला जिले के कई गांवों में ९० लोगों को ईसाई बनाया गया है । वे अब अपने घरों के बाहर क्रॉस का चिन्ह लगाते हैं।
The number of churches has doubled in the states of Jharkhand, Madhya Pradesh, Chhattisgarh and Odisha!
Churches are being built on tribal lands.
Due to religious conversions, many villages in Chhattisgarh have become Christian-majority.
The Central Government should enact an… pic.twitter.com/aivFOXko5l
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) August 26, 2024
आदिवासियों की भूमि पर अवैध रूप से बनाये जा रहे हैं चर्च !
अवैध धर्मांतरण तथा चर्च के विरोध मे कानूनी लड़ाई लड़ रहे सरकारी अधिवक्ता राम प्रकाश पांडे ने कहा कि आदिवासियों का धर्मांतरण कर उनकी भूमि पर अतिक्रमण किया जा रहा है । फिर यहां चर्च, स्कूल, चिकित्सालय बनाए जा रहे हैं। नियम के अनुसार एक आदिवासी दूसरे आदिवासी को भूमि दे सकता है; लेकिन आदिवासी गांवों में बने सभी चर्च आदिवासियों की भूमि पर हैं।
जशपुर (छत्तीसगढ) में कोर्ट के आदेश के बाद भी अतिक्रमण के विरोध मे कोई कार्यवाही नहीं !
वर्ष २००७ में जशपुर (छत्तीसगढ) जिले में आदिवासियों की भूमि पर चर्च निर्माण के २५० मामले न्यायालय में प्रविष्ट किये गये । कोर्ट ने आदेश दिया कि सभी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया जाये । वर्ष २००९ में जब तत्कालीन जिलाधिकारी बडा करोडा में अतिक्रमण मुक्ति के लिए गये थे, तो उन्हें एक चर्च में बंधक बना लिया गया था। उसके बाद आज तक इन भूमि पर कोई अतिक्रमण नहीं हटा सका है । साल २००७ से २०२४ के बीच ११६ नए मामले सामने आए । इन सभी की आरोप प्रविष्ट है की उनकी जमीन छीन ली गयी और उन पर चर्च बनाये गये।
छत्तीसगढ में बड़े स्तर पर हिन्दुओं का धर्मांतरण
छत्तीसगढ़ के सन्ना ब्लॉक में ५० गांव हैं। केवल ५ गाँवों में अभी तक कोई ईसाई नहीं बना है । सरायटोली गांव में १०० से अधिक घर ईसाइयों के है । अब वहां केवल एक ही हिन्दू घर बचा है । पारसपुर में भी हिन्दुओं के सिर्फ तीन घर है। इसी तरह करडीहम में ९० प्रतिशत लोग ईसाई बन गये है! जशपुर में एक चर्च था, अब ५० हैं । मुख्य बात यह है कि इन हिन्दुओं का नाम धर्म परिवर्तन के बाद नहीं बदला जाता है। इसलिए उन्हें ईसाई नाम से नहीं जाना जाता ।
संपादकीय भूमिकाकेंद्र सरकार को शीघ्र अति शीघ्र धर्मांतरण विरोधी कानून बनाना चाहिए तथा इन हिन्दुओं एवं आदिवासियों की रक्षा करनी चाहिए, अन्यथा इन राज्यों में हिन्दू नाम मात्र के लिये भी नहीं बचेंगे ! |