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नई देहली – उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी. वाय. चंद्रचूड की अध्यक्षता में ३ न्यायाधीशों की खंडपीठ ने कोलकाता में हुए सामूहिक बलात्कार और हत्या पर तीव्र चिंता व्यक्त की । साथ ही महिला डॉक्टर के कार्यस्थल पर सुरक्षा के लिए कार्य पद्धति तैयार करने के लिए ९ सदस्यीय राष्ट्रीय कृति दल की स्थापना का भी आदेश दिया । २० अगस्त को इस संबंध में उच्चतम न्यायालय में सुनवाई हुई ।
#SupremeCourtOfIndia constitutes a 10-member national task force to ensure the safety of doctors – Urges Doctors protesting Nationwide to resume duties
Kolkata doctor rape-murder case
Supreme Court criticises the Bengal govt. and raises questions on women’s safety
The case… pic.twitter.com/t1mNPewfHL
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) August 20, 2024
१. न्यायालय ने डॉक्टरों के कार्यस्थल पर उनकी सुरक्षा के लिए कार्य पद्धति सुझाने के लिए इस दल की स्थापना की । इसमें विविध पृष्ठभूमि के डॉक्टर होंगे । वे सभी स्तरों पर अनुसरण की जा सके, ऐसी कार्य पद्धति का सुझाव देंगे। ऐसा मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड ने कहा ।
२. न्यायालय ने बंगाल सरकार को प्रदर्शनकारियोंपर बलपूर्वक कार्यवाही करने से रोक लिया । डॉक्टर और महिला डॉक्टरों की सुरक्षा ,यह राष्ट्रीय हित का विषय है । कुछ कदम उठाने के लिए देश दूसरे बलात्कार की राह नहीं देख सकता, ऐसा भी न्यायालय ने कहा ।
३. १४ अगस्त की रात चिकित्सालय में हुई तोडफोड के विषय में भी मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड ने राज्य सरकार से प्रश्न पूछा । ‘चिकित्सालय पर भीड ने आक्रमण किया । इसमें उपकरणों की हानि हुई । इस समय पुलिस क्या कर रही थी ? पुलिस को सर्वप्रथम अपराध हुए स्थल को सुरक्षित करना आवश्यक है’, ऐसा भी मुख्य न्यायाधीश ने कहा ।
४. न्यायालय ने बंगाल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि शवविच्छेदन ब्योरा पहले ही आ जाने पर अपराध प्रविष्ट करने में विलंब क्यों किया ? इस समय न्यायालय ने १४ अगस्त की रात आर. जी. कर चिकित्सालय पर सहस्रों की भीड द्वारा किए आक्रमण की जांच की। साथ ही बलात्कार और हत्या प्रकरण की जांच की स्थिति का ब्योरा २२ अगस्त तक न्यायालय में प्रस्तुत करने का निर्देश भी दिया ।
राष्ट्रीय कृति दल में होने वाले सदस्य !
राष्ट्रीय कृति दल के सदस्यों में डॉ. आर. सरीन, डॉ. डी. नागेश्वर रेड्डी, डॉ. एम. श्रीनिवास, डॉ. प्रतिमा मूर्ति, डॉ. गोवर्धन दत्त पूरी, डॉ. सौमित्र रावत, डॉ. अनीता सक्सेना, प्रा. पल्लवी सप्रे और डॉ. पद्मा श्रीवास्तव हैं ।