प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिन पर लाल किले से दिया वक्तव्य !
नई देहली – सर्वोच्च न्यायालय ने लगातार समान नागरी कानून पर सुनवाई की है । उसपर चर्चा हुई है । इसलिए संविधान के निर्माताओं का स्वप्न पूर्ण करना, हमारा कर्तव्य है । देश में इसपर व्यापक चर्चा होनी चाहिए । इस संदर्भ में सुझाव आने चाहिए । मैं कहूंगा कि देश में हमने धार्मिक नागरी कानून में (‘कम्युनल सिविल कोड’ में) ७५ वर्ष गवां दिए । अब देश को धर्मनिरपेक्ष नागरी कानून की (‘सेक्युलर सिविल कोड’ की) आवश्यकता है । तब कहीं हमें देश में धर्म के आधार पर होनेवाले भेदभाव से मुक्ति मिलेगी । ऐसा महत्त्वपूर्ण वक्तव्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले पर देश के ७८ वे स्वतंत्रता दिन पर बोलते समय दिया ।
A Secular Civil Code is the need of the hour. pic.twitter.com/MF8IiLs4Tt
— Narendra Modi (@narendramodi) August 15, 2024
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा प्रस्तुत सूत्र
१. बांग्लादेश के हिन्दुओं की सुरक्षा सुनिश्चित होनी चाहिए !
पडोसी देश बांग्लादेश में जो हो रहा है, उसके प्रति चिंतित होना स्वाभाविक है । मैं आशा करता हूं कि वहां की स्थिती शीघ्र ही सामान्य होगी । हमारे १४० करोड देशवासियों को लगता है कि वहां के हिन्दू और अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित होनी चाहिए । (बांग्लादेश के वर्तमान राज्यकर्ताओं से ऐसी अपेक्षा करना संभव नहीं है । इसके लिए भारत को ही आगे आना चाहिए, अन्यथा वहां के हिन्दू हमें क्षमा नहीं करेंगे ! – संपादक) हमारा देश शांति के लिए समर्पित देश है । बांग्ला देश भी सुख और शांति के मार्ग पर चले, ऐसी आशा करता हूं । बांग्ला देश की विकास यात्रा के लिए हम शुभकामनाएं देनेवाले हैं; क्योंकि हम मानवजाति के कल्याण का विचार आगे लेकर जानेवाले हैं ।
२. महिलाओं के साथ अनाचार करनेवालों को फांसी होनी ही चाहिए !
हमारी माता-बहनों के साथ हो रहे अनाचारों को लेकर जनता आक्रोशित है, यह चिंता की बात है । हमें उसका भान हो रहा है । महिलाओं के साथ होनेवाले अपराधों का तुरंत अन्वेषण कर दोषियों को शीघ्रातिशीघ्र दंडित किया जाना चाहिए । उन्हें फांसी होनी चाहिए । ऐसा भय उत्पन्न करना आवश्यक है । (इसके लिए केंद्र सरकार को ही आगे आकर ऐसे अनाचारों के लिए पूरे देश में विशेष न्यायालय स्थापित कर शीघ्रगति से निश्चित समय में अभियोग के निर्णय आएंगे, ऐसी व्यवस्था करने की आवश्यकता है ! – संपादक)
३. देश की जनता का मन आत्मविश्वास से ओतप्रोत !
पहले भारत में आतंकवादी आकर अनेक लोगों की हत्या करते थे । आज देश की सेना ‘सर्जिकल स्ट्राईक’ (लक्ष्यित आक्रमण), ‘एअर स्ट्राईक’ (हवाई आक्रमण) करती है । इससे देश के युवकों का सीना अभिमान से फूल जाता है । देश की जनता का मन आज गर्व और आत्मविश्वास से ओतप्रात है । (परंतु जम्मु-कश्मीर में आज भी आतंकवादी घुसते हैं और जनता की हत्या करते है । साथही सैनिकों को भी वीरगति प्राप्त हो रही है, यह वस्तुस्थिति है ! – संपादक)
४. प्रत्येक नागरिक अपने कर्तव्य निभाए !
देशवासियों को कर्तव्यभाव में रहना चाहिए । सरकार से लेकर नागरिकों तक सभी का कर्तव्य है । १४० करोड देशवासियों का भी कर्तव्य है । हमने अपना कर्तव्य निभाया, तो अधिकारों की सुरक्षा भी अपनेआप होती है । इसके लिए अलग प्रयत्न करने की आवश्यकता नहीं होती ।
५. सरकार को पत्र लिखकर अपनी समस्याएं बताएं !
युवकों और अध्यापकों को मैं आवाहन करता हूं कि आपकी छोट-छोटी समस्याओं के लिए सरकार को पत्र लिखें । इन समस्याओं पर उपलब्ध उपायों के बारे में बताएं । देश की सरकार संवेदनशील है । देश का स्थानीय प्रशासन हो, राज्य सरकार हो अथवा केंद्र सरकार, मुझे विश्वास है कि आपके पत्र पर विचार किया जाएगा । (प्रत्यक्ष में स्थिति भिन्न है । प्रशासन और पुलिस जनता के परिवादों तथा समस्याओं की उपेक्षा करते हैं, यही अनेक वर्षों से जनता का अनुभव है ! – संपादक)