अत्‍याचार सहन करनेवाला हिन्दू समाज एवं भारत सरकार को विचारप्रवण करने के लिए बाध्य करनेवाले दृष्‍टिकोण !

‘सनातन प्रभात’ के एक प्रतिनिधि ने पाकिस्‍तान के हिन्दुओं पर अत्‍याचार के संदर्भ में कार्य करनेवाले एक हिन्दुत्‍वनिष्‍ठ से बांग्लादेश की हिंसा के विषय में चर्चा की । इस समय उस हिन्दुत्‍वनिष्‍ठ ने भारत सरकार, साथ ही हिन्दुओं को विचारप्रवण करनेवाले कुछ विचार प्रस्‍तुत किए । उन्होंने कहा,

१. बांग्लादेश के मुस्लिम जब वहां के हिन्दुओं को मार डालते हैं, तब भारत के सुरक्षा तंत्र को भारत के बांग्लादेशी कट्टरवादी तथा भारतद्वेषी मुसलमान घुसपैठियों को चुन-चुनकर मार डालना चाहिए । तभी बांग्लादेश के हिन्दुओं पर हो रहे अत्‍याचार रुकेंगे ! भारत सरकार को ‘जैसे को तैसा’, उत्तर देना चाहिए ।

२. हिन्दुओं पर आक्रमण होने के पश्चात हिन्दू रोते रहते हैं एवं सहायता की अपेक्षा करते हैं । यह उनके लिए लज्‍जाजनक है । ‘ओफेंस इज द बेस्‍ट डिफेंस’ (आक्रामक रहना, यही सुरक्षा का सर्वोत्तम विकल्प) ! ज्‍यू (यहूदी) लोगों के लिए इजराइल यह एकमात्र देश है तथा उसके चारों ओर इस्‍लामी राष्‍ट्र हैं । तब भी ज्‍यू निर्भय होकर लडते हैं । क्या हिन्दू उनसे कुछ सीखेंगे ? इस प्रकार रोते क्यों रहते हैं ? बांग्लादेश में १ करोड ३० लाख हिन्दू रहते हैं । उनको ज्‍यू लोगों के अनुसार वीजिगीषू वृत्ति (जीतने की वृत्ति) संजोकर संगठित होकर वहां के मुस्लिमों से दो दो हाथ करने चाहिए (लडना चाहिए) ।