Devgiri Fort : यदि पूजा पर प्रतिबंध का निर्णय वापस नहीं लिया गया तो हिन्दू मंदिर में जाकर सामूहिक पूजा करेंगे !

  • गोवा में चल रहे ‘वैश्विक हिंदू राष्ट्र महोत्सव’ में भारत माता मंदिर में पूजा पर रोक के निर्णय का विरोध !

  • सड़कों पर उतरकर विरोध करने की चेतावनी

देवगिरी किले पर स्थापित भारतमाता की मूर्ति

फोंडा (गोवा) – पुरातत्व विभाग ने उस मंदिर में पूजा पर प्रतिबंध लगा दिया है जो देश में भारतमाता का एकमात्र मंदिर है। ‘वैश्विक हिंदू राष्ट्र महोत्सव’ में सर्वसम्मति से पुरातत्व विभाग के तुगलकी फतवे की कड़े शब्दों में निंदा की गई और यह भी मांग की गई कि उक्त पूजा को पहले की तरह फिर से शुरू करने की अनुमति दी जाए।

प्रस्ताव का अनुमोदन करते समय मंच पर बायीं ओर से प. पवन सिन्हा गुरुजी, अधिवक्ता दिलीप देशमुख, श्री. गुरुप्रसाद गौड़ा और बोलते हुए श्री. सुनील घनवट

इस समय हर-हर महादेव के जयघोष के बीच उक्त प्रस्ताव पारित किया गया ।

श्री. सुनील घनवट

इस संबंध में हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ़ संगठक श्री. सुनील घनवट ने एक प्रसिध्दी पत्रक के माध्यम से बताया कि यदि पहले की तरह पूजा आरंभ करने की तत्काल अनुमति नहीं दी गई तो शिव प्रेमी, दुर्ग प्रेमी तथा हिंदू भक्त देवगिरी में भारतमाता मंदिर में सामूहिक पूजा के लिए जाएंगे और यदि वहां कोई कानून व्यवस्था की समस्या होगी तो, दायित्व पूर्ण रूप से पुलिस एवं प्रशासन का होगा । इस तरह से पूजा बंद करके सभी हिंदू गढ़प्रेमी और शिवप्रेमी के असंतोष का कारण मत बनिये, अन्यथा ये सभी लोग सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किए बिना नहीं रहेंगे।

पत्र में आगे कहा गया है कि अगर किसी पुरातात्विक स्थल पर पहले से ही कोई धार्मिक गतिविधि हो रही है तो उसे पर्वता विभाग के नियमों के अनुसार बंद नहीं किया जा सकता है । हर शुक्रवार को मुसलमान ताज महल में नमाज़ पढ़ते हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर के विध्वंस के बाद बनी ज्ञानवापी के साथ-साथ मध्य प्रदेश के भोज विद्यालय की कमाल मौलाना मस्जिद में भी नमाज पढ़ी जा रही है। ‘विश्व हिंदू राष्ट्र महोत्सव’ के माध्यम से केंद्रीय पुरातत्व विभाग को चुनौती दी गई है कि यदि भारतमाता मंदिर में १९४८ से हो रही पूजा पर प्रतिबंध है तो ताज महल, ज्ञानवापी और धार की कमाल मौलाना मस्जिद में भी नमाज बंद होनी चाहिए । वस्तुतः पुरातत्व विभाग ने भारतमाता की पूजा रोककर भारत के साथ विश्वासघात किया है। श्री सुनील घनवट ने यह भी मांग की कि केंद्र सरकार को ऐसे लोगों के विरोध मे कड़ी कार्यवाही कर देशवासियों को एक अच्छा संदेश देना चाहिए।