व्लादिमीर पुतिन ‘जी-२०’ शिखर सम्मेलन में सहभागी नहीं होंगे !

इंडोनेशिया के बाली में १५ और १६ नवंबर को होने वाले ‘जी-२०’ शिखर सम्मेलन में रशिया के राष्ट्रपति पुतिन उपस्थित नहीं रहेंगे । उनके स्थान पर रशिया के विदेशमंत्री सर्गेई लावरोव ऑनलाइन उपस्थित रहने वाले हैं ।

भारतीय अत्यंत प्रतिभावान होते हैं ! – पुतिन

रशिया के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने पुन: एक बार भारत की और भारतीयों के प्रतिभा की प्रशंसा की है । भारतीय अत्यंत प्रतिभान होते हैं, इसमें कोई भी संदेह नहीं । भारत को विकास के संदर्भ में अच्छा यश मिलेगा, ऐसा वक्तव्य पुतिन ने रशिया के एकता दिवस पर अर्थात ४ नवंबर के दिन किया ।

यूक्रेन में परमाणु बम न गिराया जाना चाहिए !

रूस से इस तरह की अपील के साथ शी जिनपिंग को स्वयं की ओर देखते हुए पडोसी देश के साथ हम क्या कर रहे हैं, इसका विचार करना चाहिए !

नरेंद्र मोदी महान देशभक्त हैं तथा उनके नेतृत्व में भारत का भविष्य उज्ज्वल है !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक महान देशभक्त हैं । उनके नेतृत्व में भारत का भविष्य उज्ज्वल है । ‘मेक इन इंडिया’ के संदर्भ में उनके विचार अर्थशास्त्र तथा नीतिशास्त्र दोनों ही अर्थाें से महत्त्वपूर्ण हैं ।

‘नाटो’ की सेना का रूस से संघर्ष होने पर जग पर भारी संकट आएगा ! – पुतिन की चेतावनी

किसी भी परिस्थिति में रूस की सेना से ‘नाटो’ के सैनिकाें का सीधा संपर्क अथवा संघर्ष होने पर विश्व पर भारी संकट आ सकता है, ऐसी चेतावनी रूस के राष्ट्रध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने दी है ।

यूरोप पर युद्ध के बादल घनघोर !

यूक्रेन के १० शहरों पर रूस का आक्रमण !
बेलारूस द्वारा रूस को सार्वजनिकरूप से (खुूले आम ) लष्करी सहायता !
रूस के विरुद्ध युद्धसज्ज (युद्ध के लिए तैयार) रहने की ‘नाटो’ की घोषणा !

कर्च पुल पर हुआ विस्फोट, यह युक्रेन का आतंकवादी आक्रमण ! – पुतिन

रशिया और उसके अधिकार वाले क्रिमिया के बीच बने कर्च पुल पर हुआ विस्फोट, यह युक्रेन द्वारा किया गया आतंकवादी आक्रमण है, ऐसा आरोप रशिया के राष्ट्रपति पुतिन ने किया । उनके गुप्तचर विभाग ने योजनाबद्ध ढंग से यह आतंकवादी आक्रमण किया ।

पश्चिमी देशों का सामना करने के लिए रूस के ३ लाख सैनिकों की भरती करेंगे !

रूस एवं युक्रेन में युद्ध आरंभ हुए ७ माह हो गए, तब भी अमेरिका सहित पश्चिमी देश रूस की आक्रमकता पर लगाम कसने में असफल रहे हैं ।

प्रधानमंत्री मोदी का ‘यह युद्ध का समय नही’, ऐसा कहना अत्यंत योग्य !

यह बदला लेने की अथवा ‘पश्चिम के विरोध में एशियाई देश’ ऐसा विरोध करने का समय नहीं । हमारे सामने आए आवाहनों को एकत्रित रुप से सामना करने का यही समय है, ऐसा फ्रांस के राष्ट्रपति इमेन्युएल मेक्रॉन ने कहा है ।