अफगानिस्तान मसले पर अमेरिका, रशिया और भारत के बीच भारत में चर्चा

२४ अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रशिया के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतीन के बीच दूरभाष पर चर्चा हुई थी । इसके आगे की चर्चा के लिए पत्रुशेव का भारत दौरा है, ऐसा रशिया के विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया है ।

अफगानिस्तान से काश्मीर में आतंकवाद फैलने का खतरा ! – भारत में रशिया के राजदूत

ऐसा डर लगता है, तो रशिया तालिबान का खुले तौर पर विरोध क्यों नही करता ?

तालिबान ने सरकार गठन समारोह में भाग लेने के लिए रूस, चीन, पाकिस्तान, ईरान, कतर एवं तुर्कस्तान को आमंत्रित किया !

इन देशों ने इसके पूर्व ही तालिबान से संपर्क स्थापित किया है । रूस, चीन, पाकिस्तान एवं तुर्कस्तान ने अफगानिस्तान में स्थित अपने दूतावास बंद नहीं किए हैं ।