मॉस्को (रूस) – अंतरराष्ट्रीय संबंधों के विषय में पाश्चात्त्य देशों की विचारप्रक्रिया में स्वार्थ छुपा है । इस कारण पाश्चात्त्य देशों के आपसी संबंधों में अंतर पडेगा एवं शीघ्र ही अमेरिका-केंद्रित विश्व इतिहास में नीचे जाएगा, रूस के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने ऐसी चेतावनी दी है । मेदवेदेव वर्ष २००८ से २०१२ की अवधि में रूस के राष्ट्राध्यक्ष थे । अभी वे रूस के संरक्षण परिषद के उपाध्यक्ष हैं । मेदवेदेव ने अमेरिका-केंद्रित विश्व के अस्त होने पर एक नई रक्षा प्रणाली की भविष्यवाणी की है ।
Russia's Dmitry Medvedev predicts the "collapse of…U.S.-centric world" https://t.co/gUfLvJFmGC
— Newsweek (@Newsweek) May 13, 2022
भविष्य में विश्व अनेक समस्याओं से त्रस्त हो सकता है !
मेदवेदेव आगे कहते हैं कि
१. यूकेन के विरुद्ध युद्ध का आह्वान कर सैनिकी कारवाई करने से रूस के विरुद्ध वैश्विक महाशक्तियों ने अनेक प्रतिबंध लगा दिए हैं, इस कारण विश्व का कुल स्वरूप पलट जाएगा ।
२. रूस पर लादे गए प्रतिबंध केवल रूस को ही नहीं, अपितु वे लादनेवाले राष्ट्रों सहित सम्पूर्ण विश्व के लिए हानिकारक होंगे ।
३. विविध उत्पादों की वैश्विक शृंखला अस्तव्यस्त होने से व्यापार और यातायात में अडचनें आ रही हैं ।
४. अनेक पाश्चात्त्य हवाई सेवाओं पर भी अब रूस का हवाई क्षेत्र प्रयोग करने पर प्रतिबंध होने से उन प्रतिष्ठानों को भी विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड रहा है ।
५. अनेक देशों को ऊर्जा क्षेत्र के संकट का सामना करना पड रहा है, यह संकट और विकट होता जाएगा ।
६. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अन्न का अभाव होने से अनेक राष्ट्रों पर अकाल पडने का संकट आएगा ।
७. राष्ट्रीय मुद्रा की अस्थिरता, भयंकर महंगाई और निजी संपत्ति को मिलनेवाला न्यायिक संरक्षण नष्ट होने से अनेक देश अथवा खण्डों को आर्थिक संकटों से जूझना पडेगा ।
८. जिस क्षेत्र के संघर्षों पर अनेक दशकों से निश्चित स्वरूप के उपाय किए नहीं, ऐसे क्षेत्रीय संघर्षों में वृद्धि हो सकती है । रूस पर पाश्चात्त्य शक्तियों का ध्यान होने से ऐसे क्षेत्रों के आतंकवादी सक्रिय हो सकते हैं ।
९. रूस-यूक्रेन संघर्ष पर उपाय करने में निष्प्रभ अनेक अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं नष्ट हो सकती हैं । यूरोपियन परिषद उन्हीं में से एक होगी, मेदवेदेव ने ऐसा भी कहा है ।