दृश्‍यश्रव्‍य-चक्रिकाओं के माध्‍यम से भक्‍तों को हुए प.पू. बाबा के दर्शन !

गृहस्‍थाश्रमी होते हुए भी प.पू. बाबा योगीराज के रूप में भूतल पर अवतरित हुए !’’ इसमें परात्‍पर गुरु डॉ. आठवलेजी ने, प.पू. बाबा ने अपने गुरु श्री अनंतानंद साईश की सेवा कैसे की ? एक पैर पर खडे रहकर उन्‍होंने घंटों तक भजन कैसे गाए ?, इसके अनेक उदाहरण दिए हैं ।

अमोल चीज जो दी गुरु ने । न दे सके भगवान भी ॥

प.पू. भक्‍तराज महाराजजी की सीख – १. एक ही संकल्‍प करें कि विकल्‍प मन में न लाएं ! २. देह, मन और बुद्धि के द्वारा प्रारब्‍ध भोगते समय नामस्‍मरण और साधना करें । ३. अध्‍यात्‍म में दूसरों के भले का विचार कीजिए ।

हिन्दू युवतियों के अभिभावकों को आवाहन !

प्रस्‍तुत लेखन यद्यपि स्‍पष्‍ट है, तथापि उसके पीछे का उद्देश्‍य है कि हिन्‍दू युवतियों की रक्षा होनी चाहिए और हिन्‍दू युवतियों को ही ईश्‍वर का आधार लेकर उसके लिए तैयार रहना चाहिए । फरीदाबाद (हरियाणा) में ‘लव जिहाद’ के कारण हिन्‍दू युवती की धर्मांध द्वारा महाविद्यालय के बाहर गोलियां मारकर हत्‍या कर दी गई ।

हिन्‍दूद्वेषी लेखिका अरुंधती रॉय द्वारा जर्मन समाचार वाहिनी पर की गई भारत सरकार की आलोचना का हिन्दुत्‍वनिष्‍ठ मारिया वर्थ द्वारा किया खंडन

१७ अप्रैल २०२० को ‘ड्‍वेच वेले’ (डीडब्‍ल्‍यू) नामक जर्मन समाचार वाहिनी ने, भारत के ‘हिन्‍दू मुसलमानों से सब्‍जियां नहीं खरीदते, ऐसी शिकायत करनेवाला समाचार दिखाकर एक महिला की और हिन्‍दूद्वेषी लेखिका अरुंधती रॉय की भारत विरोधी भेंटवार्ता प्रसारित की ।

अब अयोध्या के उपरांत मथुरा, काशी और भोजशाला का समय है ! – पू. (अधिवक्ता) हरि शंकर जैन, अध्यक्ष, ‘हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस’

इस देश में बाबर जैसे आक्रमणकारियों के वंशजों को भी न्‍यायालय में उनका अधिकार मांगने की अनुमति है, जो अन्‍य देशों में नहीं है । जब हम हमारे अधिकार मांगते हैं, तब हमें जातिवादी कहा जाता है; परंतु हमें ‘जातिगत हिन्‍दू’ होनेपर गर्व है ।

७१ टीबी पीडित मरीजों को गोद लेने का निर्णय लेकर सबके सामने रखा आदर्श !

कोरोना महामारी के दौरान विकट परिस्‍थितियों में डटकर सामना करनेवाले कोरोना योद्धा के रूप में महामहिम उत्तर प्रदेश की राज्‍यपाल आनंदीबेन पटेल ने लक्ष्मणपुरी के हिन्‍दू-संगठन हिन्‍दू जनसेवा समिति को सम्‍मानित किया । इस समय संगठन के अध्‍यक्ष श्री. प्रज्‍वल गुप्‍ता उपस्‍थित थे ।

पूर्वोत्तर भारत में ऑनलाइन महिला शौर्य जागरण शिविर संपन्न !

स्‍वयं पर प्रतिदिन होनेवाले अत्‍याचारों का सामना करने तथा अपनी रक्षा स्‍वयं कर पाने में महिलाएं सक्षम बनें, इसलिए हिन्‍दू जनजागृति समिति की ओर से पूर्वोत्तर भारत की युवतियों और स्‍त्रियों के लिए १० दिवसीय ऑनलाइन महिला शौर्य जागरण वर्ग का आयोजन किया गया ।

हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के कार्य में धर्मनिष्ठ‍ और राष्ट्रनिष्ठ अधिवक्ताआें की आवश्य्कता ! – श्री. शंभू गवारे, हिन्दू जनजागृति समिति पूर्व एवं पूर्वोत्तर राज्य समन्वयक

बैठक में सहभागी अधिवक्‍ताआें ने अपने कार्य के बारे में सभी को अवगत करवाया । उसके उपरांत श्री. शंभू गवारे ने सभी को हिन्‍दू विधिज्ञ परिषद के कार्य के बारे में बताकर इसमें अपना योगदान देने का आवाहन किया । बैठक में उपस्‍थित सभी अधिवक्‍ताआें ने बताया, ‘‘हम नियमित बैठक में जुड़ने का प्रयास करेंगे और यथा संभव धर्म कार्य में सहभाग लेंगे ।

साधकों, आवश्यक चिकित्सकीय परीक्षण शीघ्र करवा लें !

लेखों में दिए वर्णन से यह ध्‍यान में आएगा कि संकटकाल में चिकित्‍सालय, डॉक्‍टर, वैद्य, औषधियां आदि का सहजता से उपलब्‍ध होना कठिन है । उसी प्रकार एलोपैथी चिकित्‍साशास्‍त्र के अनुसार आवश्‍यक परीक्षण, वैद्यों से जांच कराने से लेकर रक्‍त-मूत्र जैसे परीक्षण और सीटी स्‍कैन, एंजियोग्राफी जैसी अधिक जटिल प्रकार के परीक्षण कराना भी कठिन होगा ।

प्रतिदिन बालसाधकों की व्‍यष्‍टि साधना का ‘ऑनलाइन’ ब्‍योरा लेने का नियोजन करें !

आज के बाल एवं युवा साधक हिन्‍दू राष्‍ट्र की भावी पीढी है । उन्‍हें उचित मार्गदर्शन मिले, तो उनकी शीघ्र आध्‍यात्मिक उन्‍नति हो सकती है । वर्तमान में विदर्भ के बालसाधकों की व्‍यष्‍टि साधना का प्रतिदिन ब्‍योरा लिया जा रहा है । इससे यह समझ में आया कि ‘उनके साधना के प्रयासों में गति आई ।