साधकों, आवश्यक चिकित्सकीय परीक्षण शीघ्र करवा लें !

साधकों को सूचना

     पाक्षिक ‘सनातन प्रभात’ में १४ जून से ३० अगस्‍त २०२० की अवधि में लेखमाला प्रकाशित की गई थी, जिसमें भविष्‍य में बाढ, भूकंप, तृतीय विश्‍वयुद्ध, कोरोना महामारी जैसे संभावित संकट की सूचना तथा इस काल में बने रहने के लिए क्‍या करना चाहिए, इसका विवरण है । इन लेखों में दिए वर्णन से यह ध्‍यान में आएगा कि संकटकाल में चिकित्‍सालय, डॉक्‍टर, वैद्य, औषधियां आदि का सहजता से उपलब्‍ध होना कठिन है । उसी प्रकार एलोपैथी चिकित्‍साशास्‍त्र के अनुसार आवश्‍यक परीक्षण, वैद्यों से जांच कराने से लेकर रक्‍त-मूत्र जैसे परीक्षण और सीटी स्‍कैन, एंजियोग्राफी जैसी अधिक जटिल प्रकार के परीक्षण कराना भी कठिन होगा । इसलिए उनमें से आवश्‍यक परीक्षण चिकित्‍सकीय मार्गदर्शन लेकर शीघ्रातिशीघ्र करा लेना उचित होगा ये परीक्षण किसे कराने चाहिए, इसका विचार करें, तो उसके लिए निम्‍नांकित सूत्र उपयुक्‍त सिद्ध होंगे ।

१. आजकल जिन्‍हें स्‍वास्‍थ्‍य की सामान्‍य शिकायतें हैं; परंतु उन्‍होंने उसकी ओर बहुत ध्‍यान नहीं दिया है ।

२. जिन्‍हें दीर्घकाल तक सावधानी रखनेवाली बीमारियां, उदा. उच्‍च रक्‍तचाप, मधुमेह आदि हैं ।

२ अ. जो बीमारी है, क्‍या वह नियंत्रण में है, इसकी पडताल करने हेतु

२ आ. क्‍या इन बीमारियों के कारण शरीर के कुछ अन्‍य अंग प्रभावित हुए हैं ? इसकी पडताल करने के लिए

२ इ. मूल बीमारी से संबंधित नहीं हैं; ऐसा प्रतीत होनेवाली सामान्‍य शारीरिक शिकायतें हों, तो उसकी पडताल करने के लिए

३. जिन्‍हें निकट भविष्‍य में कोई विशिष्‍ट परीक्षण कराने के लिए वैद्यों ने बताया है

४. कोई गंभीर बीमारी उपचारों से भले ही ठीक हो गई हो; परंतु वह पुनः उत्‍पन्‍न हो सकती है, उदा. किसी प्रकार का कर्करोग

५. आहार, व्‍यवसाय, आनुवंशिक कारणों से स्‍वयं में कोई विशिष्‍ट व्‍याधि अथवा बीमारी तो उत्‍पन्‍न नहीं हो रही है न, यह सुनिश्‍चित करने हेतु प्रतिबंधात्‍मक पद्धति के परीक्षण (हेल्‍थ चेकअप) करना, उदा. ३० वर्ष से अधिक आयूसमूह के, साथ ही जिनके अभिभावकों में से किसी को मधुमेह हो, तो क्‍या उनमें भी मधुमेह आरंभ हुआ है ? और नहीं हुआ हो, तो क्‍या उसकी संभावना है ?  इसकी पडताल करने के लिए रक्‍त के परीक्षण करवा लें ।

– डॉ. पांडुरंग मराठे, सनातन आश्रम, रामनाथी, गोवा. (२७.११.२०२०)