अब अयोध्या के उपरांत मथुरा, काशी और भोजशाला का समय है ! – पू. (अधिवक्ता) हरि शंकर जैन, अध्यक्ष, ‘हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस’

जबलपुर (मध्‍य प्रदेश) में हिन्‍दू सेवा परिषद की ओर से दीपोत्‍सव औरी हिन्‍दू धर्मसभा का आयोजन

पू. (अधिवक्‍ता) हरि शंकर जैनजी

     जबलपुर (मध्‍य प्रदेश) – इस देश में बाबर जैसे आक्रमणकारियों के वंशजों को भी न्‍यायालय में उनका अधिकार मांगने की अनुमति है, जो अन्‍य देशों में नहीं है । जब हम हमारे अधिकार मांगते हैं, तब हमें जातिवादी कहा जाता है; परंतु हमें ‘जातिगत हिन्‍दू’ होनेपर गर्व है । आज जिस प्रकार हिन्‍दू संगठित होकर आगे बढ रहे हैं, उसे देखते हुए बहुत शीघ्र ‘हिन्‍दू राष्‍ट्र’ का स्‍वप्‍न सकारा होगा, यह स्‍पष्‍ट है । इसके लिए हमें स्‍वार्थ से परे जाकर समाज एवं धर्म के लिए कार्य करना पडेगा । मैं भी अंतिम सांसतक हिन्‍दुत्‍व के लिए कार्य करता रहूंगा । अब अयोध्‍या हमारी हुई, अब मथुरा, काशी और भोजशाला का समय है । ‘हिन्‍दू फ्रंट फॉर जस्‍टिस’के अध्‍यक्ष तथा सर्वोच्‍च न्‍यायालय के अधिवक्‍ता पू. (अधिवक्‍ता) हरि शंकर जैनजी ने ऐसा प्रतिपादित किया । हिन्‍दू सेवा परिषद की ओर से २१ नवंबर को दीपोत्‍सव और हिन्‍दू धर्मसभा का आयोजन किया गया था । इस सभा में मार्गदर्शन करते हुए वे ऐसा बोल रहे थे ।

‘प्‍लेसेस ऑफ वरशिप’ तो काला कानून ! – अधिवक्‍ता विष्‍णु शंकर जैन

अधिवक्‍ता विष्‍णु शंकर जैन

     श्रीकृष्‍ण जन्‍मभूमि अभियोग के याचिकाकर्ता तथा सर्वोच्‍च न्‍यायालय के अधिवक्‍ता विष्‍णु शंकर जैन ने कहा कि मंदिर-मस्‍जिद का संघर्ष राजनीतिक अथवा व्‍यक्‍तिगत नहीं है । भक्‍त और ईश्‍वर के साथ जो अन्‍याय हुआ है, उसके लिए यह लडाई है । हिन्‍दू राष्‍ट्र-स्‍थापना हेतु स्‍वयं की महत्त्वाकांक्षा को जलाकर नष्‍ट कर देना चाहिए । श्रीकृष्‍ण जन्‍मभूमि के संबंध में हमारे पास आवश्‍यक प्रमाण उपलब्‍ध हैं । ‘प्‍लेसेस ऑफ वरशिप’ एक काला कानून है । इस कानून के अनुसार हमें आक्रमणकारियों द्वारा नियंत्रण में लिए गए मंदिरों के विषय पर न्‍यायालय जाने का अधिकार नहीं है; किंतु यह कानून वक्‍फ बोर्ड को खुली छूट देता है । हम कानून को माननेवाले लोग हैं । इसलिए हम ‘सीएए’ आंदोलन की भांति सडक पर नहीं उतरेंगे; परंतु हिन्‍दुआें को अपनी धार्मिक भावनाआें की रक्षा के लिए उचित मंच मिलना आवश्‍यक है ।

हिन्‍दुआें के सभी मंदिरों को मुक्‍त करने के लिए हिन्‍दू राष्‍ट्र की स्‍थापना करें !
– आनंद जाखोटिया, राजस्‍थान एवं मध्‍य प्रदेश समन्‍वयक, हिन्‍दू जनजागृति समिति

श्री. आनंद जाखोटिया

     हिन्‍दू सेवा परिषद की ओर से आयोजित यह धर्मसभा वास्‍तविक दीपोत्‍सव है; क्‍योंकि यह कार्यक्रम हिन्‍दुआें में जागृति का दीप प्रज्‍वलित करनेवाला कार्यक्रम है । हिन्‍दुआें को केवल काशी और मथुरा तक ही सीमित न रहकर इस्‍लामी आक्रमणकारियों ने जिन मंदिरों को ध्‍वस्‍त कर वहां मस्‍जिदें बनाईं, उन्‍हें मुक्‍त करने का अभियान चलाना चाहिए । इसके लिए ‘प्‍लेसेस ऑफ वर्शिप एक्‍ट’ कानून रद्द होना आवश्‍यक है । एक श्रीराम मंदिर के लिए हिन्‍दुआें को कितना संघर्ष करना पडा; पर अब सभी मंदिरों को शीघ्र मुक्‍त करने हेतु हमें हिन्‍दू राष्‍ट्र की स्‍थापना करनी होगी । धार (मध्‍य प्रदेश) का भोजशाला मुक्‍ति का संघर्ष मध्‍य प्रदेश के लिए अयोध्‍या जैसा ही है । अब मध्‍य प्रदेश की सरकार को ‘लव जिहाद’ के विरुद्ध कानून बनाने और धार की भोजशाला को मुक्‍त कराने हेतु जिस प्रकार योगी सरकार ने श्रीराम मंदिर के लिए इच्‍छाशक्‍ति दिखाई, वैसी इच्‍छाशक्‍ति दिखानी चाहिए, यही हिन्‍दुआें की अपेक्षा है ।

     इस अवसर पर महामंडलेश्‍वर डॉ. स्‍वामी मुकुंददासजी महाराज, आर्य समाज के अध्‍यक्ष आचार्य धीरेंद्र पांडे, उच्‍च न्‍यायालय बार एसोसिएशन के अध्‍यक्ष श्री. रमन पटेल, हिन्‍दू सेवा परिषद के प्रदेशाध्‍यक्ष श्री. अतुल जेसवानी एवं श्री. धीरज ज्ञानचंदानी ने भी सभा को संबोधित किया । हिन्‍दू सेवा परिषद के सर्वश्री सौरभ जैन, नितीन सोनपल्ली, बबलू पटवा, उत्‍कर्ष रावत, अधिवक्‍ता अक्षय झा, बंटी लालवानी, राजा रजक, संजू पटेल, बृजेश लोधी एवं अतुल कुशवाहा ने कार्यक्रम की सफलता के लिए प्रयास किए ।