हिन्दू युवतियों के अभिभावकों को आवाहन !

श्री. सुमित सागवेकर

     प्रस्‍तुत लेखन यद्यपि स्‍पष्‍ट है, तथापि उसके पीछे का उद्देश्‍य है कि हिन्‍दू युवतियों की रक्षा होनी चाहिए और हिन्‍दू युवतियों को ही ईश्‍वर का आधार लेकर उसके लिए तैयार रहना चाहिए । फरीदाबाद (हरियाणा) में ‘लव जिहाद’ के कारण हिन्‍दू युवती की धर्मांध द्वारा महाविद्यालय के बाहर गोलियां मारकर हत्‍या कर दी गई । उस युवती की हत्‍या होते समय वह कुछ नहीं कर पाई । समाज के दर्शक, दर्शक ही बने रहे, भाई और मां घटनास्‍थल पर होते हुए भी कुछ नहीं कर पाए । पुलिस कानून के बंधन में; परंतु प्राण हिन्‍दू लडकी को खोने पडे । प्रतिदिन ८७ बलात्‍कार होते हैं । फैशन के नाम पर हमारी लडकियां संस्‍कार और शौर्य भूल गई हैं । हमने अपनी लडकियों को धर्म और शौर्य के पाठ नहीं पढाए । इस चूक से अब तो हिन्‍दू समाज बोध ले, अन्‍यथा यह घटना स्‍वयं के घर की माता-भगिनियों के साथ घटने पर सिर पीटना पडेगा । जागें ! सहन न करते हुए अब ‘लव जिहाद’ का प्रतिकार करें ! वासनांधों को उनका स्‍थान दिखाएं  स्‍वरक्षा प्रशिक्षण लें और अपनी लडकी को भी वह सीखने के लिए बाध्‍य करें । मैं राष्‍ट्र-धर्म में रुचि रखनेवाले और ईश्‍वर पर श्रद्धा रखनेवाले तथा धर्माभिमानी प्रत्‍येक हिन्‍दू लडकी के पिता से आवाहन करता हूं, ‘‘अपनी पुत्री को आज ही स्‍वरक्षा प्रशिक्षण वर्ग में सम्‍मिलित होने के लिए कहें और कल आनेवाले संकट से अभी से उसे सावधान कर प्रतिकारक्षम बनाएं ।’’

     हिन्‍दू अभिभावको, हिन्‍दू युवतियों के अभिभावको, अभी नहीं, तो कभी नहीं । जागें ! स्‍वयं की बेटियों, बहुआें की रक्षा होने के लिए उन्‍हें आज ही धर्माचरण, साधना और स्‍वरक्षा प्रशिक्षण लेने के लिए तैयार करें !  – श्री. सुमित सागवेकर, युवा संगठक, हिन्‍दू जनजागृति समिति (२८.१०.२०२०)