जिलासेवकों के लिए सूचना
‘आज के बाल एवं युवा साधक हिन्दू राष्ट्र की भावी पीढी है । उन्हें उचित मार्गदर्शन मिले, तो उनकी शीघ्र आध्यात्मिक उन्नति हो सकती है । वर्तमान में विदर्भ के बालसाधकों की व्यष्टि साधना का प्रतिदिन ब्योरा लिया जा रहा है । इससे यह समझ में आया कि ‘उनके साधना के प्रयासों में गति आई ।’ सर्वत्र के जिलासेवक अपने जिले के बाल एवं युवा साधकों की व्यष्टि साधना का प्रतिदिन ‘ऑनलाइन’ ब्योरा लेने का नियोजन करें । ब्योरे के सूत्र आगे दिए हैं ।
१. बाल एवं युवा साधकों को यहां दिए तीन आयुवर्ग में वर्गीकृत करें ।
अ. कुमार गुट : आयु ५ से १० वर्ष, आयु ११ से १४ वर्ष
आ. किशोर गुट : आयु १५ से १८ वर्ष
२. एक गुट में अधिकाधिक ८ विद्यार्थी-साधक हों ।
३. विद्यार्थी-साधक एवं ब्योरासेवक की संख्या के अनुसार गुट की रचना करें ।
४. चिंतन सारणी के अनुसार ब्योरा लें ।
५. विद्यार्थी-साधकों द्वारा किए गए विशेष प्रयत्न, साथ ही उन्हें हुई नवीनतापूर्ण अनुभूतियां रामनाथी स्थित संकलन विभाग में भेजें ।
बाल एवं युवा साधकों की व्यष्टि साधना का ब्योरा लेनेवाले साधको, हिन्दू राष्ट्र की भावी पीढी हैं । इन बाल एवं युवा साधकों का नियमित ब्योरा लेकर उनकी साधना को उचित दिशा दें । संतों के बताए अनुसार भावी काल में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना निश्चित ही होगी । हिन्दू राष्ट्र की भावी पीढी को दिशा देने का अवसर मिला, इस विषय में कृतज्ञता रख, अपनी साधना की दृष्टि से भी उसका लाभ लें !’
– श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळ, सनातन आश्रम, रामनाथी, गोवा. (३१.८.२०२०)
विद्यार्थी-साधकों के लिए सूचना
विद्यार्थी-साधको, परीक्षा में उत्तीर्ण होने हेतु जिस प्रकार शालेय अध्ययन आवश्यक होता है, उसी प्रकार जन्म-जन्म की परीक्षा में उत्तीर्ण होने हेतु व्यष्टि साधना आवश्यक होती है । इसके लिए व्यष्टि साधना के प्रयास नियमित रूप से करें एवं उन प्रयासों का ब्योरा प्रतिदिन जिले के अंतर्गत निश्चित किए साधक को दें ! आपके भाग के जिलासेवक आपको इसका नियोजन कर देंगे । ‘इतनी छोटी आयु में व्यष्टि साधना का ब्योरा देने का अवसर मिल रहा है’, इसके लिए कृतज्ञ रहें !
अभिभावक साधकों से निवेदन
अपने बच्चे को व्यष्टि ब्योरे से जोडना, साधक-अभिभावक का आध्यात्मिक दायित्व है । ‘ब्योरे में बताए प्रयास वह कर रहा है न ?’, इस ओर भी ध्यान देकर अपने बच्चे की आध्यात्मिक सहायता करें !