नई मुंबई में नवरात्रोत्‍सव के पांडाल की दानपेटी से ४ सहस्र रुपए की चोरी !

इस घटना से सिद्ध होता है कि चोरों को पुलिस का तनिक भी भय नहीं रहा !

मुसलमान महापंचायत को अनुमति दी, तो धार्मिक सौहार्द बिगड सकता है  ! – देहली उच्च न्यायालय

देहली उच्च न्यायालय ने देहली के रामलीला मैदान में ‘मुसलमान महापंचायत’का आयोजन करने की अनुमति अस्वीकार की !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या की मस्जिद की नींव रखें ! – इंडियन मुस्लिम लीग की विनती

किसी हिन्दू से मस्जिद की नींव रखवाना क्या अन्य मुसलमान संगठनों को मान्य है ?

माता-पिता की सेवा केवल नैतिक नहीं, वैधानिक कर्तव्य भी है ! – अलाहाबाद उच्च न्यायालय

भारत देश श्रवण कुमार की भूमि है । यहां वृद्धों की देखभाल करना, भारतीय संस्कृति का अंग है । यह केवल नैतिक नहीं, अपितु वैधानिक रूप से अनिवार्य है और कर्तव्य भी है ।

बस्ती (उत्तर प्रदेश) यहां के नवरात्रोत्सव मंडप में मुसलमान युवती ने देवी की मूर्ति पर फेंका काला कपडा !

नवरात्रोत्सव में बडी संख्या में हिन्दू उपस्थित होते हुए भी धर्मांध युवती ऐसा दु:साहस करती है, यह हिन्दुओं के लिए लज्जास्पद ! धर्महानि रोकने के लिए कुछ न करने वाले ऐसे मृत्वत हिन्दुओं पर जिहादी आतंकवादियों ने आक्रमण किया, तो इसमें क्या आश्चर्य ?

मणिपुर में हिंसा अनायास घटित नहीं हो रही है बल्कि निर्माण की जा रही है ! – प. पू. सरसंघचालक डॉ. मोहनजी भागवत

वह यहां संघ के विजयादशमी समारोह में बोल रहे थे । इस अवसर पर प्रसिद्ध गायक शंकर महादेवन मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थे ।

जिलाधिकारी द्वारा गुरु को स्वयं की कुर्सी पर बिठाने का विरोध होने पर मांगनी पडी क्षमा !

धर्मनिरपेक्ष भारत में इसके अतिरिक्त और क्या उम्मीद की जा सकती है ? भारत में भ्रष्ट, जनताद्रोही, कामचोर प्रशासनिक अधिकारी-कर्मचारियों को क्षमा मांगने की आवश्यकता नहीं दिखाई देती ; लेकिन आध्यात्मिक परम्पराओं का पालन करनेवालों के साथ ऐसा होता है यह लज्जास्पद !

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दशहरे के शुभ मुहूर्त पर की शस्त्रपूजा !

इससे भारत के तथाकथित पुरोगामियों और धर्मनिरपेक्षतावादियों के पेट में शूल उठे तो आश्चर्य न होगा !

क्रिकेट खिलाडी रिंकू सिंह ने बनाया कुलदेवी का मंदिर !

इंडियन क्रिकेट लीग अर्थात ‘आई.पी.एल.’ और भारतीय क्रिकेट संघ में खेलते समय अच्छा खेल सकें, इसके लिए उन्होंने कुलदेवी से आशीर्वाद मांगा था । उनकी इच्छा पूर्ण होने के उपरांत उन्होंने श्री चौदेरेदेवी के मंदिर का निर्माण किया ।