जिलाधिकारी द्वारा गुरु को स्वयं की कुर्सी पर बिठाने का विरोध होने पर मांगनी पडी क्षमा !

देहली की घटना

नई देहली – दक्षिण-पश्चिम देहली के जिलाधिकारी पद पर कार्यरत २०१९ बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के (आई.ए.एस.) अधिकारी लक्ष्य सिंघल ने अपने गुरु को कार्यालय में स्वयं के कुर्सी पर बिठाया । इस घटना का वीडियो प्रसारित होने के उपरांत सिंघल का विरोध होने लगा था । इस कारण उन्होंने क्षमा मांगी है । भविष्य में ऐसी गलती न करने की ताकीद सिंघल को दी गई है ।

सिंघल ने उनके गुरु को कुर्सी पर बिठाकर पुष्पमाला अर्पण कर शॉल अर्पण की । इसके उपरांत वे हाथ जोडकर गुरु के सामने नतमस्तक हुए । इस विषय में सिंघल ने कहा कि जिस व्यक्ति को मैंने कुर्सी पर बिठाया वे जन्म से मेरे गुरु हैं । उनका सत्कार करने के लिए मैंने उन्हें अपने कार्यालय में बुलाया था । महाविद्यालय में पढते समय उन्होंने ही मुझे प्रशासकीय सेवा के परीक्षा की तैयारी करने की सलाह दी थी । भविष्य में ऐसी गलती नहीं होगी, इसका ध्यान रखूंगा ।

संपादकीय भूमिका

  • स्वातंत्र्योत्तर काल में धर्म का त्याग करने से भारत की सभी क्षेत्रों में दुर्दशा हुई । जिलाधिकारी का यह आचरण संवैधानिक दृष्टि से भले ही अनुचित हो, पर हिन्दू राष्ट्र में राजसत्ता पर धर्मसत्ता का अंकुश रहेगा, यह बात इस अवसर पर ध्यान देने योग्य है !
  • धर्मनिरपेक्ष भारत में इसके अतिरिक्त और क्या उम्मीद की जा सकती है ? भारत में भ्रष्ट, जनताद्रोही, कामचोर प्रशासनिक अधिकारी-कर्मचारियों को क्षमा मांगने की आवश्यकता नहीं दिखाई देती ; लेकिन आध्यात्मिक परम्पराओं का पालन करनेवालों के साथ ऐसा होता है यह लज्जास्पद !