प्रतिदिन न्यूनतम आधा घंटा व्यायाम करें !

आयुर्वेद के अनुसार उचित समय पर खाना, जितना पचन (हजम) हो, उतना ही खाना, शरीर के लिए अहितकारक पदार्थ टालना, आदि आहार के नियमों का पालन करने से वातादि दोषों के कार्य में संतुलन होकर स्वास्थ्य प्राप्त होता है; किंतु अधिकतर भोजन संबंधी नियम पालन करना संभव नहीं होता ।

पितृपक्ष की अवधि में ‘श्री गुरुदेव दत्त ।’ नामजप की अपेक्षा ‘ॐ ॐ श्री गुरुदेव दत्त ॐ ॐ ।’ नामजप का साधकों पर बहुत अधिक सकारात्मक परिणाम होना

‘समाज के लगभग प्रत्येक व्यक्ति को ही अनिष्ट शक्ति जनित कष्ट होता है । अनिष्ट शक्तियों के कारण व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक कष्ट होते हैं, साथ ही जीवन में अन्य समस्याएं भी आती हैं ।

सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी के अमृतवचन !

‘जब (खेत में) नदी का पानी आता है, तब उसे पाट बनाकर दिशा देनी पडती है; अन्यथा वह समस्त (खेत) नष्ट कर देता है । उसीप्रकार मन में आ रहे विचारों को दिशा देनी पडती है ।

गुरुपूर्णिमा महोत्सव २०२२ निमंत्रण

गुरुपूर्णिमा के दिन १००० गुना सक्रिय रहनेवाले गुरुतत्त्व का लाभ सभी को हो, इसलिए सनातन संस्था व हिन्दू जनजागृति समिति गुरुपूर्णिमा महोत्सव का आयोजन कर रहे हैं । इस महोत्सव में सम्मिलित होने हेतु गुरुपूर्णिमा स्थल का पता एवं संपर्क क्रमांक आगे देखें ।

हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ता के नाम से मिलनेवाले और संदेहजनक आचरणवाले व्यक्ति से सतर्क रहें और समिति को तुरंत उसकी जानकारी दें !

हिन्दू जनजागृति समिति सदैव ही संवैधानिक मार्ग से कार्य करती है, यह बात स्थानीय संगठन के कार्यकर्ताओं को ज्ञात होने से कथित हिन्दुत्वनिष्ठ व्यक्ति आक्रामक पद्धति से बोल रहा था, यह देखकर स्थानीय कार्यकर्ताओं को थोडा संदेहजनक लगा ।

‘सनातन प्रभात’ नियतकालिक बहुत शीघ्र उपलब्ध होंगे ‘ई-पेपर’ के रूप में !

यह बताते हुए हमें बहुत प्रसन्नता हो रही है कि ‘सनातन प्रभात’ नियतकालिक के ऑनलाइन संस्करण बहुत शीघ्र डिजिटल न्यूजपेपर अर्थात् ‘ई-पेपर’के रूप में प्रकाशित होनेवाले हैं ।

‘सनातन प्रभात’ नियतकालिक शीघ्र ही ‘ई-पेपर’ के रूप में !

‘सनातन प्रभात’ के मराठी एवं कन्नड साप्ताहिक के साथ ही हिन्दी एवं अंग्रेजी पाक्षिक भी ‘ई-पेपर’ के स्वरूप में पाठकों के लिए उपलब्ध होंगे ।

वर्षगांठ के निमित्त परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का संदेश

‘सनातन प्रभात’ की ज्ञानशक्ति का परिपूर्ण लाभ लें और हिन्दू राष्ट्र के कार्य का एक अंग बनने के साथ इस जन्म का सार्थक करने के लिए उत्तम साधक बनने की प्रक्रिया आरंभ करें !’

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना वर्ष २०२५ तक होगी ! – परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी

आपातकाल भले ही आगे गया हो, तब भी उसका आरंभ कभी भी हो सकता है। कोरोना जैसी महामारी के माध्यम से हमने इसका अनुभव लिया ही है। तीसरे विश्वयुद्ध का आरंभ कभी भी हो सकता है। इसलिए साधक आपातकाल की तैयारी जारी रखें !’ – परात्पर गुरु डॉ. आठवले