वर्षगांठ के निमित्त परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का संदेश

परात्पर गुरु डॉ. आठवले

‘सनातन प्रभात’ ने आरंभ से ही आदर्श राष्ट्ररचना के लिए अराजनीतिक विचार, राष्ट्र-धर्म हित के दृष्टिकोण एवं प्रखर हिन्दुत्वनिष्ठ भूमिकाद्वारा वैचारिक क्रांति का संदेश दिया है। अनेकों ने ‘सनातन प्रभात’ के वैचारिक संदेशों के अनुसार आचरण कर राष्ट्र-धर्म रक्षा की कृति भी की है। ज्ञानशक्ति के कारण क्रियाशक्ति जागृत होती है, यह ‘सनातन प्रभात’ की ज्ञानशक्ति ने सिद्ध किया है। ‘सनातन प्रभात’ का स्वरूप वैचारिक के साथ ही आध्यात्मिक दृष्टि देनेवाला भी है !

‘सनातन प्रभात’ में प्रकाशित होनेवाले संतों और साधकों के अनुभव एवं अनुभूति से संबंधित लेख साधना के प्रायोगिक अंग के संदर्भ में मार्गदर्शन करते हैं। विश्व के किसी भी नियतकालिक में ऐसे अध्यात्म सिखानेवाले लेख उपलब्ध नहीं हैं। ‘सनातन प्रभात’ के ‘साधना’ और ‘अध्यात्म’ विषयों से संबंधित लेखों का नियमित वाचन करने पर निश्चित ही आध्यात्मिक दृष्टि और साधकत्व निर्माण होगा।

इसलिए ‘सनातन प्रभात’ की ज्ञानशक्ति का परिपूर्ण लाभ लें और हिन्दू राष्ट्र के कार्य का एक अंग बनने के साथ इस जन्म का सार्थक करने के लिए उत्तम साधक बनने की प्रक्रिया आरंभ करें !’

– (परात्पर गुरु) डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक-संपादक, ‘सनातन प्रभात’ नियतकालिक समूह.