कराची (पाकिस्तान) में धर्मांधों की ओर से हिन्दुओं के मंदिरों की और मूर्तियों की तोडफोड
पिछले २२ माह में ९ मंदिरों पर आक्रमण !
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यह विषय विश्व स्तर पर ले जाना चाहिए, ऐसी भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा की मांग !
पिछले २२ माह में ९ मंदिरों पर आक्रमण !
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यह विषय विश्व स्तर पर ले जाना चाहिए, ऐसी भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा की मांग !
पाकिस्तान के राजस्व बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष शब्बीर जैदी ने कहा है कि, “पाकिस्तान एक दिवालिया देश बन गया है । किसी भी भ्रम में रहने की अपेक्षा तथ्यों को जानना श्रेयस्कर है ।” जैदी ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक राजमार्ग परियोजना की भी आलोचना की ।
पाकिस्तान में कानून एवं व्यवस्था का अस्तित्व ही नहीं है, यही यह घटना स्पष्ट करती है ! क्या भारत में तथाकथित अभिव्यक्ति की स्वतंत्रतावाले, श्रीलंकाई नागरिक के पक्ष में खडे होंगे ? क्या वे न्यूनतम धर्मांधों के इस कृत्य का विरोध करेंगे ?
पाकिस्तान के एक राजनीतिक दल, ‘मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट’ (एम.क्यू.एम.) के अध्यक्ष अल्ताफ हुसैन ने संयुक्त राष्ट्र, भारत और ब्रिटेन से मांग की है !
क्या भारत के अधोगामी एव पुरोगामी इस विषय में बात करेंगे ? अथवा वो समझते हैं, कि यह सब कट्टरपंथियों के लिए क्षम्य है ?
पाकिस्तान ने उनके देश में अल्पसंख्यकों का विशेषत: हिन्दुओं का नरसंहार जो ७४ वर्षोंसे हो रहा हैं, उनकी रक्षा करने पर ध्यान देना चाहिए ! जिहादी आतंकवादी, जिहादी विचारधारा और प्रत्यक्ष कृति, यह वहां के अल्पसंख्यकों की जान ले रही है, इस संदर्भ में इमरान खान क्यों नहीं बोलते ?
‘भारत में, पाकिस्तान के समान, अन्य देशों के लोगों की ईशनिंदा के नाम पर अमानवीय हत्या नहीं होती !’, यह फवाद चौधरी क्यों नहीं बताते ?
ऐसे शासकोंवाले देश में निर्दोषों की हत्या नहीं होगी, तो क्या होगा ? इसे ध्यान में रखते हुए, विश्व समुदाय पाकिस्तान का बहिष्कार करे ; यही एकमात्र उपाय है ! कम से कम श्रीलंका और भारत को तो यह निर्णय लेना ही चाहिए !
विद्यालय में क्या पढाया जाता है, इस पर अब अभिवावकों को ही ध्यान देना पडेगा। पिछले ४०-५० वर्षों से विद्यालयों में ऐसी द्वेषयुक्त शिक्षा दी जा रही है। इस पर कोई भी प्रत्यक्ष विरोध नहीं व्यक्त करता !
पाकिस्तान को आतंकवादियों का पालन पोषण करने पर पैसा व्यय करने की अपेक्षा, सरकारी कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करना चाहिए’ !