कराची (पाकिस्तान) में धर्मांधों की ओर से हिन्दुओं के मंदिरों की और मूर्तियों की तोडफोड

  • पिछले २२ माह में ९ मंदिरों पर आक्रमण !

  • विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यह विषय विश्व स्तर पर ले जाना चाहिए, ऐसी भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा की मांग !

  • पाक में कुरान और मोहम्मद पैगंबर का अपमान होनेपर ईशनिंदा के कारण फांसी की सजा दी जाती है; लेकिन हिन्दुओं के संबंध में ऐसा होने पर कुछ भी नहीं होता है, यह ध्यान दें ! – संपादक

  • पाक में हिन्दुओें का वंशसंहार होते हुए भी मानवाधिकार संगठन, धर्मनिरपेक्षतावादी और आधुनिकतावादी कुछ नहीं करते हैं, इससे वे कितने ढोंगी हैं, यह स्पष्ट होता है ! – संपादक

  • पिछले अनेक वर्षों से पाक में हिन्दू और उनके धार्मिक स्थलों पर आक्रमण किए जा रहे हैं । इस कारण यह सूत्र भारत सरकार ने पहले ही विश्वस्तर पर ले जाना आवश्यक था । इसके लिए अब यह मांग करनी पडती है, यह हिन्दुओं को अपेक्षित नही ! – संपादक
श्री दुर्गादेवी की दो मूर्तियों की तोडफोड

उक्त चित्र प्रकाशित करने का उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाएं आहत करना नहीं है । केवल जानकारी के लिए प्रकाशित किया गया है । – संपादक

कराची (पाकिस्तान) – यहां के नारायणपुर में रणछोड लाइन विभाग में एक हिन्दू मंदिर में दो धर्मांधों ने प्रवेश कर हथौडी से श्री दुर्गादेवी की दो मूर्तियों की तोडफोड की, साथ ही मंदिर को भी हानि पहुंचाई । हिन्दुओं ने घटना स्थल से दो धर्मांधों में से एक मोहम्मद वलिद को पकडकर पुलिस को सौंप दिया । उनके विरोध में ईशनिंदा का गुनाह प्रविष्ट किया गया है । तोडफोड की जानकारी मिलते ही वहां तनाव की स्थितग निर्माण हो गई । तोडफोड के बाद आंदोलन किया गया । हिन्दुओं ने दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की है । इस समय यहां बडी मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया था । इस घटना के कुछ सप्ताह पूर्व सिंध में एक मंदिर को तोड कर वहां की संपत्ति चोरी की गई थी । पाक में पिछले २२ माह में मंदिरों पर आक्रमण होने वाली ९ वीं घटना है ।

भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने मंदिर की घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित करते हुए कहा है, ‘कराची में मंदिर को तोडा गया है । ‘मंदिर प्रार्थना स्थल होने के पात्र नहीं’, ऐसा कहकर आक्रमणकारियों ने तोडफोड का समर्थन किया । यह पाकिस्तान के अल्पसंख्यक हिन्दुओं के विरोध में राज्य समर्थित आतंकवादी काम है ।’ साथ ही सिरसा ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर को सीमापार के हिन्दू और सिखों की धर्म स्वतंत्रता को सहारा देने के लिए विश्व स्तरपर यह सूत्र रखने की मांग की है ।उक्त चित्र प्रकाशित करने का उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाएं आहत करना नहीं है । केवल जानकारी के लिए प्रकाशित किया गया है । – संपादक