बांग्लादेश में एक हिन्दू लड़की का फेसबुक एकाउंट ‘हैक’ कर, उसके माध्यम से इस्लाम के बारे में अपमानजनक संदेश फैलाया गया!
इस्लामिक देश में अल्पसंख्यक हिन्दू असुरक्षित! इस घटना के लिए भारत सरकार ने बांग्लादेश को फटकारना चाहिए!
इस्लामिक देश में अल्पसंख्यक हिन्दू असुरक्षित! इस घटना के लिए भारत सरकार ने बांग्लादेश को फटकारना चाहिए!
‘वोईस ऑफ बांग्लादेश’ नामक संगठन के ट्वीटर खाते पर जानकारी दी गई है कि भारत में मोहम्मद पैगंबर के कथित अनादर के विरुद्ध बांग्लादेश के चितलमारी गांव में मुसलमानों ने हिन्दुओं के घरों पर आक्रमण कर उनके घर जला दिए ।
नूपुर शर्मा के वक्तव्य पर हाहाकार मचानेवाले इस्लामी देश एवं उनके संगठन क्या इस विषय में मुंह खोलेंगे ? हिन्दुओं को लगता है, ‘भारत को अब इस्लामी देशों में दिए जा रहे ऐसे वक्तव्यों पर गंभीरता से हस्तक्षेप कर, संबंधित इस्लामी देशों से उत्तर मांगना चाहिए ।’
बांगलादेश में असुरक्षित हिन्दू ! भारत में कभी दिवाली, होली आदि हिन्दुओं के त्योहारों में सहभागी न होने पर अल्पसंख्यकों के विषय में ऐसी घटनाएं होती हैं क्या ? फिर भी तथाकथित धर्मनिरपेक्ष लोग हिन्दुओं को ही असहिष्णु ठहराते हैं !
भारत में हिन्दूद्वेषी चित्रकार म.फि.हुसेन द्वारा हिन्दू देवी-देवताओं की अश्लील तस्वीरें बनाने के उपरांत भी कभी बंदी नहीं बनाया गया ।
भारत में भी जब कट्टरपंथी धर्मांध, हिन्दुओं पर आक्रमण करते हैं, तब पुलिस मूक दर्शक बनी निष्क्रिय रहती है । यदि मुसलमान बहुल बांग्लादेश में पुलिस निष्क्रिय रहती है, तो इसमें आश्चर्य क्या है ?
यह फतवा तो बांग्लादेश के सर्वाेच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन होने का हिन्दू संगठनों का दावा भारत सरकार को इस प्रकरण में हस्तक्षेप कर बांग्लादेश को इस निर्णय को बदलने पर बाध्य बनाना चाहिए, यही हिन्दुओं को लगता है ! – संपादक कर्नाटक के हिजाबविरोधी आंदोलन से भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन … Read more
बांगलोदश में धर्मांधों की ओर से नियमित हिन्दू और उनके श्रद्धा स्थानों पर आक्रमण किए जाने पर भी भारत को इसे रोकने के लिए कदम उठाना आवश्यक है । सरकार अब तो वहां के अल्पसंख्य पीडित हिन्दुओं के लिए कुछ करेगी क्या ?
हिन्दुओं पर १ सहस्र ८९८ बार आक्रमण
हिन्दुओं के देवताओं की २ सहस्र १३० मूर्तियों की तोडफोड
४११ हिन्दू महिलाओं पर बलात्कार
इस्लामी देश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं की स्थिति जानिए ! भारत में कभी बहुसंख्यकों की ओर से इस प्रकार की धार्मिक भावनाएं दुखाने की घटनाएं होती हैं क्या ? फिर भी हिन्दुओं को ‘तालिबानी’ कहने का प्रयास होता है और दूसरी ओर अफगानिस्तान में तालिबानियों का समर्थन भी किया जाता है !