|
![](https://static.sanatanprabhat.org/wp-content/uploads/sites/4/2024/05/18095814/himanta-biswa-sarma-1.jpg)
गौहाटी – असम में राज्य की कुल आबादी में से १ करोड़ २५ लाख बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं और १२६ में से ४० विधायक घुसपैठिए हैं। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने झारखंड के रांची में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह चौंकाने वाली जानकारी दी कि बांग्लादेशी घुसपैठिए राज्य में विधायक, मंत्री, अध्यक्ष, मजिस्ट्रेट आदि बन जाते हैं। उनके इस बयान से असम में विवाद खड़ा हो गया है। उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठिए झारखंड के आदिवासियों के लिए खतरा हैं।
मुख्यमंत्री सरमा ने आगे कहा, ”असम में ४० साल पहले बांग्लादेश से घुसपैठ शुरू हुई । अब असम में घुसपैठियों की संख्या १ करोड़ २५ लाख है। यह राज्य में एक बड़ी समस्या बन गई है और असमिया लोग अपनी पहचान खो रहे हैं। झारखंड में हमारी तरह गलती मत कीजिए। ४० साल पहले हमने गलती की थी। हमने अपनी सीमाओं की रक्षा नहीं की। आप रोहिंग्याओं को आने मत दीजिए। बंगाल और असम ने गलतियां की। उस समय हमें जो करना चाहिए था, हम नहीं कर पाये।
कांग्रेस और ए.आई.यू.डी.एफ. इन पार्टियों की ओर से मुख्यमंत्री की आलोचना !
मुख्यमंत्री सरमा के बयानों के बाद मुसलमानों के नेता और एआईयूडीएफ के महासचिव अमीनुल इस्लाम ने मुख्यमंत्री सरमा के दावों को खारिज कर दिया और सरमा पर चुनाव की पृष्ठभूमि में ये बयान दे रहे है ऐसा आरोप लगाया। कांग्रेस के आसाम प्रदेश अध्यक्ष भूपेन बोरा ने भी सरमा के बयानों की आलोचना की है।
संपादकीय भूमिकाआजादी के बाद ६ दशकों से अधिक समय तक सत्ता में रहने वाली कांग्रेस ने देशों की सीमाओं की रक्षा नहीं की और इसी कारण घुसपैठ हुई ये सत्यस्थिती है। ये कांग्रेस का अक्षम्य अपराध है! |