पुणे – २० अगस्त २०१३ को यहां के महर्षि विठ्ठल रामजी शिंदे पुल पर ‘अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति’ के अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या हो गई । इस प्रकरण में जांच का कार्य पहले पुणे पुलिस और आतंकवाद विरोधी दल को सौंपा गया था । पश्चात इसे सीबीआई को सौंप दिया गया ।
One of the most mysterious legal cases in independent India is set to unfold on May 10 – The #DabholkarMurder case.
The investigation has taken such dramatic turns that even today’s politicians would pale in comparison.
The “Hindu” India eagerly awaits the #PuneVerdict! pic.twitter.com/aGeNiGURDA
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) May 9, 2024
इस प्रकरण में सचिन अंदुरे, शरद कळसकर, सनातन संस्था के साधक डॉ. वीरेंद्र तावडे, विक्रम भावे और अधिवक्ता संजीव पुनाळेकर को बंदी बनाया गया था । इसके पश्चात १० वर्ष से अधिक समय तक यह प्रकरण न्यायालय में चलता रहा । इस प्रकरण की सुनाई विशेष न्यायाधीश पी.पी. जाधव के न्यायालय में चल रही है । अब इतने लंबे समय तक चले इस बहुचर्चित प्रकरण का अंतिम निर्णय १० मई २०२४ को लगने की संभावना है ।