The Diary Of West Bengal : ‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ के निर्माताओं को चलचित्र प्रदर्शित न करने के लिए पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन ने धमकाया

बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार भी चलचित्र के प्रदर्शन में ला रही है बाधा – निर्माताओं का आरोप

मुंबई (महाराष्ट्र) – ‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ चलचित्र प्रदर्शित न करने के लिए पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन द्वारा धमकाया जा रहा है, ऐसी जानकारी चलचित्र के निर्माता जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (पूर्व के वसीम रिजवी)ने यहां पत्रकार वार्ता में दी । साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार चलचित्र का प्रदर्शन राज्य में न हो, इसलिए प्रयास कर रही है ।

(सौजन्य :Bollygrad Studioz) 

जितेंद्र त्यागी ने आगे कहा कि

१. हमने एक सत्य घटना पर आधारित चलचित्र बनाया था, इसलिए पाकिस्तान के कराची के ‘जामिया दारूल उलूम’ नामक आतंकवादी संगठन ने हमारे विरुद्ध फतवा (इस्लामी कानून के अनुसार किसी सूत्र पर इस्लाम के मान्यताप्राप्त व्यक्ति अथवा संस्था ने दिया निर्णय) निकाला है । इसमें चलचित्र प्रदर्शित न करने के लिए धमकाया गया है । मुझे बताइए कि अब चलचित्रपट भारत में बनाने तथा प्रदर्शित करने के लिए क्या पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों की अनुमति लेनी होगी ?

२. क्या हमें अब ऐसा समझ लेना चाहिए कि ‘बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन के लोग चला रहे हैं ?’; क्योंकि चलचित्र प्रदर्शित होने पर उन्हें अडचन है और यहां की ममता बनर्जी की सरकार उसे यहां प्रदर्शित होने नहीं देती । इससे क्या हम यह समझें कि इन आतंकवादियों से उनके संबंध हैं ?

३. अभिव्यक्ति स्वतंत्रता तथा चलचित्र बनाने की स्वतंत्रता हमारे देश में क्या केवल साम्यवादी विचारधारा के लोगों के लिए ही उपलब्ध है ? चलचित्र बनाने की स्वतंत्रता तथा अभिव्यक्ति स्वतंत्रता पर हमारे जैसी स्वतंत्र विचारधारा के लोगों का क्या कुछ अधिकार नहीं है ?

४. इस चलचित्र के माध्यम से आज तक हमारी जो हानि हुई है, उसकी क्षतिपूर्ति कौन करेगा ?

५. यदि बंगाल में सब कुछ ठीक चल रहा है, तो ममता सरकार हमारा चलचित्र प्रदर्शित होने क्यों नहीं देती ? ममता बनर्जी की सरकार हमारे पीछे क्यों पडी है ? क्या चलचित्र बनाकर हमने कोई अपराध किया है ? ममता सरकार कोई स्पष्ट कारण क्यों नहीं देती ? ममता बनर्जी की सरकार बंगाल में रोहिंग्या और बांग्ला देशी घुसपैठियों को सहायता नहीं कर रही होगी, तो यह बात वह सार्वजनिक रुप से क्यों नहीं बताती ?

‘कश्मीर फाइल्स’, ‘द केरला स्टोरी’ चलचित्र प्रदर्शित हो सकते हैं, तो हमारा चलचित्र क्यों नहीं ? – निर्देशक सनोज मिश्रा

निर्देशक सनोज मिश्रा

चलचित्र के निर्देशक सनोज मिश्रा ने कहा कि इस चलचित्र में हमने बंगाल में बढ़ते संगठित अपराध तथा लक्ष्य कर की गई हिंसाचार की ओर सभी का ध्यान आकर्षित किया है । अब यह बात इसके समर्थकों को ही बुरी लग सकती है, तो हम क्या करें ? ‘मिशन कश्मीर’, ‘हैदर’, ‘उडता पंजाब’, ‘कश्मीर फाइल्स’, ‘द केरला स्टोरी’ जैसे चलचित्र इस देश में प्रदर्शित हो सकते हैं, तो फिर हमारा चलचित्र प्रदर्शित करने में क्या हानि है ? मेरा चलचित्र पूर्णरुप से बन चुका है और २७ अप्रैल को वह पूरे भारत में प्रदर्शित होगा ।

‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ के प्रदर्शन के लिए सेंसर बोर्ड की ओर से प्रमाणपत्र देने में टालमटोल !

‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ चलचित्र केंद्रीय चित्रपट परिनिरीक्षण मंडल ने (सेंसर बोर्ड ने) देखा है और उसे मान्यता मिली है; परंतु ऐसा दिख रहा है कि चलचित्र प्रदर्शित करने के लिए आवश्यक प्रमाणपत्र देने में बोर्ड की ओर से टालमटोल किया जा रहा है । सेंसर बोर्ड के चक्कर लगाकर निर्माता-निर्देशक ऊब गए हैं । सेंसर बोर्ड इस चलचित्र के बारे में कुछ कहना टाल रहा है । कहा जा रहा है कि इससे निर्माताओं की आर्थिक हानि हो रही है ।

संपादकीय भूमिका 

‘सेंसर बोर्ड केंद्र सरकार के नियंत्रण में होने पर भी ऐसा क्यों होता है ?’, ऐसा प्रश्न हिन्दुओं के मन में उत्पन्न होता है !

क्या है चलचित्र के विज्ञापन में (ट्रेलर में) ?

‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ चलचित्र बंगाल की राजनीतिक तथा धार्मिक स्थिति दिखाता है । बंगाल में रोहिंग्या और बांग्ला देशी घुसपैठ मुसलमानों को तृणमूल कांग्रेस सरकार अपने राजनीतिक लाभ के लिए राज्य में यथाक्रम शरण दे रही है । ये मुसलमान यहां पर हिंसाचार कर रहे हैं, जिससे कि यहां के हिन्दुओं को यहां से पलायन करना पड रहा है । हिन्दुओं के साथ अत्याचार हो रहे हैं । ममता बनर्जी सरकार मुसलमानों को पुचकार रही है, ऐसा इस चलचित्र के विज्ञापन में दिखाया गया है ।

संपादकीय भूमिका 

भारत में कोई चलचित्र प्रदर्शित न किया जाने के लिए, यदि भारतीय नागरिक को पाकिस्तान से धमकियां मिलती हैं, तो यह भारत के लिए लज्जाजनक ! भारत को इसपर कठोर उपाय करना आवश्यक है !