Hindu Rashtra : सरकार जब चाहे भारत को ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित कर सकती है ! – महंत शंकरानंद सरस्वती, अध्यक्ष, आनंद अखाडा

महंत शंकरानंद सरस्वती

प्रयागराज – कुंभ महापर्व की धर्मसंसद में भारत को ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित करने के विषय में केवल मांग की जा सकेगी; परंतु भारत को ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित करना सरकार के हाथ में है । सरकार जब चाहे भारत को ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित कर सकती है, ऐसा प्रतिपादन आनंद अखाडे के अध्यक्ष महंत शंकरानंद ने किया । क्या महाकुंभ पर्व में भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने का प्रस्ताव पारित किया जानेवाला है ?’, इस विषय में पत्रकारों द्वारा पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए महंत शंकरानंद सरस्वती ने उक्त प्रतिपादन किया ।

१. महाकुंभपर्व में मुसलमानों को दुकाने लगाने के लिए भूमि उपलब्ध करने के विषय में उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के विषय में पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर महंत शंकरानंद स्वरस्वती ने कहा, ‘‘कोई व्यक्ति मुसलमान है; इसलिए वह हमारा विरोधी नहीं है; परंतु जो हमारी श्रद्धा से सुसंगत नहीं होगा, तो ऐसे लोगों से महाकुंभपर्व की पवित्रता टिकाए रखने का हमें प्रयास करना होगा । महाकुंभपर्व की पवित्रता टिकाए रखने हेतु कुछ प्रतिबंध आवश्यक हैं ।

२. महाकुंभ में आयोजित धर्मसंसद के उद्देश्य के विषय में महंत शंकरानंद सरस्वती ने कहा, ‘‘हिन्दू राष्ट्र की संकल्पना पर विचारमंथन होने हेतु धर्मसंसद की आवश्यकता है । धर्मसंसद एक धार्मिक कार्यक्रम है, उस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए । धर्म, संस्कृति एवं श्रद्धा की रक्षा हेतु धर्मसंसद की आवश्यकता है । धर्म एवं राजनीति को भिन्न-भिन्न रखना पडेगा । महाकुंभ के आयोजन में सभी को सम्मिलित होना होगा ।’’

३. गंगाजी की पवित्रता के विषय में महंत शंकरानंद ने कहा, ‘‘गंगाजी का जल मूलतः शुद्ध एवं स्नान के योग्य है, तब भी गंगामाता की रक्षा हेतु ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है ।’’

४. पुजारियों को मासिक वेतन दिए जाने के विषय में आप के नेता अरविंद केजरीवाल की घोषणा राजनीति से प्रेरित है । मतदाताओं को लुभाने हेतु ऐसी घोषणाएं की जाती हैं, ऐसा महंत शंकरानंद ने कहा ।

५. संभल में हुई हिंसा के पीडितों के लिए आर्थिक सहायता दी जाने की घोषणा भी राजनीति से प्रेरित है, ऐसा महंत शंकरानंद सरस्वती ने कहा ।