KK Mohammad On Bhojshala : भोजशाला, श्री सरस्वती देवी का मंदिर था !

विख्यात पुरातत्ववेत्ता के.के. मुहम्मद ने दी जानकारी

विख्यात पुरातत्वविद् के.के. महंमद

धार (मध्य प्रदेश) – यहां की भोजशाला श्री सरस्वती देवी का मंदिर था और बाद में उसका इस्लामिक प्रार्थनास्थल में (मस्जिद में) रूपांतर किया गया, ऐसी जानकारी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के भूतपूर्व अधिकारी तथा विख्यात पुरातत्वविद् के.के. मुहम्मद ने हाल ही में दी ।

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देश के उपरांत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ए.एस्.आय.) भोजशाला संकुल का वैज्ञानिक सर्वेक्षण कर रहा है । विभाग को यह सर्वेक्षण ६ सप्ताहों में पूर्ण करना है । इस पृष्ठभूमि पर हिन्दू और मुसलमानों को न्यायालय के निर्णय का पालन करना होगा, ऐसा भी उन्होंने कहा । हिन्दू मानते हैं कि भोजशाला श्री वाग्देवी का (श्री सरस्वती देवी का) मंदिर है, तो मुसलमान उसे कमल मौला मस्जिद कहते हैं ।

१. के.के. मुहम्मद ने आगे बताया कि भोजशाला की ऐतिहासिक वस्तुस्थिति ऐसी है कि वह श्री सरस्वती देवी का मंदिर था । उसका मस्जिद में रूपांतर किया गया; परंतु ‘पूजास्थल कानून १९९१’ के अनुसार धार्मिक स्थल की श्रेणी का आधारभूत वर्ष १९४७ है । अर्थात यह वास्तु १९४७ में यदि मंदिर होगी, तो वह मंदिर रहेगा और मस्जिद होगी, तो वह मस्जिद रहेगी ।

२. १९७६-७७ में अयोध्या में प्राध्यापक बी.बी. लाल के नेतृत्व में हुए पहले उत्खनन पथक में के.के. मुहम्मद सहभागी थे । उन्होंने दावा किया था कि उन्होंने पहली बार बाबरी ढांचे के नीचे भी श्री राम मंदिर के अवशेष देखे थे ।

मथुरा और काशी के संदर्भ में मुसलमानों को हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं का आदर करना चाहिए ! – के.के. मुहम्मद

के.के. मुहम्मद

एक प्रश्न के उत्तर में के.के. मुहम्मद ने कहा कि मथुरा और काशी के संदर्भ में मुसलमानों को हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं का आदर करना चाहिए । मथुरा और काशी हिन्दुओं के लिए उतने ही महत्त्वपूर्ण है, जितने कि मुसलमानों के लिए मक्का और मदिना ।  काशी भगवान शिव से संबंधित है और मथुरा भगवान श्रीकृष्ण का जन्मस्थान है । हिन्दू इन्हें अन्य कहीं स्थलांतरित नहीं कर सकते; परंतु ये केवल मुसलमानों की मस्जिदें हैं, जिनका मुहम्मद पैगंबर अथवा ‘औलिया’ से सीधा संबंध नहीं है । ये मस्जिदें अन्यत्र स्थलांतरित की जा सकती हैं । दोनों समुदायों को इसके लिए एकत्रित होकर समझौता करना चहिए ।