पुलिस ने अपराध प्रविष्ट करते समय हनुमान चालिसा का उल्लेख नहीं किया !
बेंगलुरू (कर्नाटक) – यहां के नगरथपेट क्षेत्र में जुम्मा मस्जिद मार्ग पर भ्रमणभाष (मोबाईल) बेचने की दूकान में हनुमान चालिसा लगाई, इस कारण दुकानदार को पीटनेवाले सभी ६ लोगों को पुलिस ने बंदी बनाया । सुलेमान, शाहनवाज, रोहित, डॅनिश, तरुण उपाख्य दडीया और एक छोटा लडका, ऐसे कुल मिलाकर ६ लोग हैं । छोटे बच्चे को न्यायालय ने बाल सुधारगृह में रखने का आदेश दिया, तो अन्य सभी को न्यायिक हिरासत में रखने का आदेश दिया है । विशेष बात यह कि पुलिस ने अपराध प्रविष्ट करते समय इसमें यह नहीं लिखा कि दुकानदार ने हनुमान चालिसा लगाने के कारण उसे पीटा गया ।
All the accused who assaulted the shopkeeper for reciting the Hanuman Chalisa arrested!
Police omitted the mention of Hanuman Chalisa while registering complaint !
It appears that the police are providing assistance to these criminals through such statements, which is… pic.twitter.com/f2tj4BDdhK
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) March 20, 2024
इस मामले का प्रमुख आरोपी सुलेमान किराए पर वाहन चलाता है । उसपर पहले से ही कुछ अपराध प्रविष्ट हैं । शाहनवाज बेकार है, तो रोहित औषधियों की दुकानों को औषधियां पहुंचाता है । तरुण एक निजी चिकित्सालय में वॉर्ड बॉय था । सुलेमान और उसके गिरोह पर हॉटेल मालिक सतीश पर आक्रमण करने का आरोप है ।
संपादकीय भूमिकापुलिस के ऐसे व्यवहार से यही ध्यान में आता है कि वह अपराधियों की सहायता ही कर रही है ! कांग्रेस के राज्य में ऐसे अपराधियों पर कठोर कार्यवाही की जाने की संभावना अल्प ही है ! |
पुलिस ने ६ लोगों को बंदी बनाया है; परंतु धर्मांधों पर इसका कोई परिणाम नहीं हुआ है । बंदी बनाए लोगों में से सुलेमान का भाई सय्यद ने व्हॉट्सएप पर रखे स्टेटसद्वारा यह दिखा दिया है । इसमें कहा है, ‘आज जेल (कारागृह), कल बेल (जमानत), फिर वही खेल (गुंडागर्दी)’ । कहा जा रहा है कि सय्यद की आयु अल्प है । (छोटी आयु में भी धर्मांधों की मानसिकता कैसी है, यही बात यह घटना स्पष्ट करती है ! – संपादक) संपादकीय भूमिका‘भारत में मुसलमान असुरक्षित हैं’, कहनेवाले क्या अपना मुंह खोलेंगे ? |