Goa Shivjayanti Christian Attack : गोवा में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति का अनावरण करने गए मंत्री फलदेसाई पर ईसाइयों का आक्रमण !

  • गोवा राज्य में शिवजयंती को लगा ग्रहण !

  • मंत्री फलदेसाई को स्थल से खदेडने का प्रयास

  • भारी संख्या में पुलिस बल उपस्थित

मडगांव – दिनांकानुसार अर्थात १९ फरवरी को शिवजयंती के अवसर पर जहां पूरे देश में उत्साह का माहौल है , वहीं गोवा में इस त्यौहार को ग्रहण लग गया । सां ज्यूज़ डी एरियल में एक निजी स्थान पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण कर लौट रहे राज्य के समाज कल्याण मंत्री सुभाष फलदेसाई पर ईसाई कट्टरपंथियों ने आक्रमण किया, जिसमें मंत्री फलदेसाई को थोडी चोटें आई हैं । पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज किया ।

ईसाइयों को छत्रपति शिवाजी की मूर्ति लगाने पर आपत्ति !

मंत्री सुभाष फलदेसाई सां जुजे डि एरियल के एक निजी परिसर में एक मुस्लिम व्यक्ति द्वारा स्थापित छत्रपति शिवाजी की मूर्ति का अनावरण करने आए थे । स्थानीय ईसाइयों ने वहां छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति लगाने पर आपत्ति जताई थी । (ईसाइयों को निजी स्थान पर मूर्ति स्थापित करने पर आपत्ति करने का क्या अधिकार है ? – संपादक) ईसाइयों ने यह भी आरोप लगाया है कि ‘यह मूर्ति अवैध रूप से स्थापित की गई है।’ स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए १८ फरवरी से ही भारी संख्या में पुलिस बल वहां उपस्थित थी ।

मंत्री को स्थल से खदेड़ने की कोशिश

प्रतिमा के अनावरण के बाद मंत्री फलदेसाई पर मिट्टी के गोले फेंके गए । स्थिति नियंत्रण में रखने के लिए पुलिस ने भीड़ पर हल्की लाठियां चलाईं । जब पुलिस मंत्री को सुरक्षित ले जा रही थी, तो ईसाई ताली बजा रहे थे और वूश वूश (वापस जाओ) के नारे लगा रहे थे । मंत्री फलदेसाई ने कहा, “मैं इस मामले में परिवाद (शिकायत) प्रविष्ट नहीं कराऊंगा ताकि राज्य में धार्मिक विवाद पैदा न हो।”

ईसाइयों द्वारा आक्रमण का पूर्वनियोजन

एक समाचार चैनल द्वारा प्रसारित वीडियो के अनुसार घटनास्थल पर बहुत सारे ईसाई उपस्थित थे । वहां उपस्थित कई ईसाई स्कार्फ, जैकेट, टोपी और हेलमेट पहन कर आए थे । इसलिए यह संदेह जताया जा रहा है कि ‘पत्थरबाजी के उद्देश्य से ही ईसाई उपस्थित थे ।’

(सौजन्य : Prudent Media Goa) 

१८ फरवरी को मंत्री फलदेसाई ने गांव का दौरा किया था और स्थानीय ईसाइयों को सूचित किया था कि मूर्ति एक निजी स्थान पर बनाई जा रही थी और ग्राम पंचायत से अनुमति भी ली गई थी। (फिर भी ईसाइयों ने इस पर आपत्ति जताई, इससे ईसाइयों की छत्रपति शिवाजी के प्रति घृणा दिखाई देती है ! – संपादक)

मंत्री फलदेसाई ने कहा “मैंने वहां के ग्रामीणों से भी चर्चा की; लेकिन कोई निर्णय नहीं लिया गया”।

यह आक्रमण पूर्व नियोजित था ! – मंत्री सुभाष फलदेसाई

सुभाष फलदेसाई

मुझे लगता है ‘यह आक्रमण पूर्व नियोजित था’; क्योंकि मैं प्रतिमा का अनावरण करने मुख्य मार्ग से ३०० मीटर अंदर गया था । वहां अनावरण किया और लौटते समय मुंह पर रुमाल बांधे महिलाओं और कुछ पुरुषों ने मुझ पर मिट्टी के गोले फेंके। उनमें से कुछ मेरे सामने धरती पर लोट रहे थे । वह यह दिखावा करने की कोशिश कर रहे थे कि ‘किसी ने उन्हें मार डाला है।’ उसी समय करीब ४-५ लोग मोबाइल फोन पर वीडियो बना रहे थे ।

वे यह दिखाने की कोशिश कर रहे थे कि ‘या तो मैं या पुलिस उन्हें पीट रही है।’ वे वैसा ही अभिनय कर रहे थे जैसा किसी ने उन्हें सिखाया था। बाद में वे इसका लाभ उठाना चाहते थे । हम ४-५ लोग थे और वो २०० से ३०० लोग थे । हम उन्हें कैसे मार सकते थे ? मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि शांति बनाए रखें ।

संपादकीय भूमिका

  • छत्रपति शिवाजी ने गोवा राज्य को पुर्तगालियों के नियंत्रण से मुक्त कराने का प्रयास किया था । वास्तव में गोमान्तकवासी उनके आभारी हैं; परंतु दास्यता के पाश मे बंधे कट्टर ईसाई उनसे घृणा करते हैं । सरकार को ऐसे पुर्तगाली कट्टर ईसाइयों के विरुद्ध कार्यवाही करनी चाहिए !
  • गोवा राज्य में ईसाई इतने साहसी हो गए हैं कि मंत्रियों पर हमला कर देते हैं ! सरकार को पता लगाना चाहिए कि इस आक्रमण का मुख्य सूत्रधार कौन है और सत्य सामने लाना चाहिए !