Pakistani Toolkit Haldwani Riots : हल्‍द्वानी (उत्तराखंड) की हिंसा के पीछे पाकिस्‍तान की ‘टूलकिट’ का उपयोग 

नई देहली – उत्तराखंड के हल्‍द्वानी में अनधिकृत मदरसा तोडने गए दल पर सैकडों धर्मांधों ने आक्रमण किया । उन्‍होंने पुलिस थाने को घेर कर थाना जला देने का प्रयास किया । इस हिंसा में ५ लोगों की मौत हुई, तो १०० से अधिक पुलिस घायल हुए । इस प्रकरण में पुलिस ने अब तक  ४२ से अधिक लोगों को बंदी बनाया है । इस हिंसा की जांच से सामने आया है कि इसके पीछे पाकिस्‍तान ‘टूलकिट’ है । सामाजिक माध्‍यमों द्वारा भडकाने के कारण यह घटना हुई है, ऐसा सामने आया है । जांच में देखा गया है कि सभी सामाजिक माध्‍यमों के खाते पाकिस्‍तान द्वारा संचालित किए जा रहे हैं । पुलिस ने जांच का विवरण (रिपोर्ट) केंद्रीय गृहमंत्रालय को सौंप दिया है ।

१. न्‍यायालय ने जब हल्‍द्वानी के बनभूलपुरा में अतिक्रमणों पर कार्यवाही करने का आदेश दिया, तदुपरांत पाकिस्‍तान ने वहां दंगे करने का षड्यंत्र रचते हुए पाकिस्‍तानी टूलकिट तैयार किया । इसके लिए मोहम्‍मद अखतर, आसिफ पॉलिटिक लेस, मोहम्‍मद आलम, अरकाम, आलम शेख एवं आसिफ मन्‍सूरी के नाम से ‘एक्‍स’ पर १० खाते खोले गए । इसके द्वारा मुसलमानों को उकसाया गया था ।

२. पुलिस की जांच में हल्‍द्वानी में हिंसा चालू होने के उपरांत पाकिस्‍तान के कराची, इस्‍लामाबाद, ऐबोटाबाद एवं लाहोर से ९ ‘हैशटॅग’ (एक ही विषय पर चर्चा कराने की प्रक्रिया) सक्रिय होने के प्रमाण प्राप्‍त हुए हैं । उसमें ‘हल्‍द्वानी बर्निंग’, ‘हल्‍द्वानी राइट्‍स’, ‘हल्‍द्वानी वायलन्‍स’ इन शब्‍दों का प्रयोग कर उकसाऊ पोस्‍ट प्रसारित किए गए ।

क्‍या है टूलकिट ?

किसी प्रकरण में बडे स्‍वरूप का आंदोलन करते समय उसका एक कृति कार्यक्रम तैयार किया जाता है । आंदोलन को अगले चरण पर ले जाने अथवा तीव्र करने के उद्देश्‍य से यह कार्यक्रम तैयार किया जाता है, उसे ‘टूलकिट’ कहा जाता है ।

संपादकीय भूमिका 

पाकिस्‍तान भारत में सहजता से हिंसा करा सकता है, यह भारतीय गुप्‍तचर एवं सुरक्षा तंत्रों के लिए लज्‍जाजनक  !