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अलीगढ (उत्तर प्रदेश) – समाजवादी पक्ष की मुलायम सिंह की तत्कालीन सरकार में रामभक्ति करना अपराध था। उस समय कारसेवकों को कारागार में भेजा गया था। कारागार से मुक्त होने पर उन्हें आपराधिक प्रमाणपत्र दे दिया गया। उस प्रमाणपत्र पर ‘रामभक्ति चालान’ लिखा हुआ था। एक अनुमान के अनुसार , अलीगढ़ जिले में लगभग ४०० कारसेवकों को ऐसे ‘आपराधिक प्रमाणपत्र’ दिए गए। एक कारसेवक ने उस समय की परिस्थिति बताते हुए ये जानकारी दी।
कारसेवक मनोज अग्रवाल, अर्जुन देव वार्ष्णेय और अनुराग वार्ष्णेय ने बताया कि वह वर्ष १९९० था। पूरे देश से कारसेवक अयोध्या में कारसेवा करने के लिए एकत्रित हुए थे। उस समय उत्तर प्रदेश में समाजवादी पक्ष की सरकार थी। मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री थे। सरकार के आदेश पर कार सेवा के लिए जा रहे लोगों को बंदी बना लिया गया था । अलीगढ़ में सहस्त्रों कारसेवकों को पुलिस ने कारागार में डाल दिया और कारागार से मुक्त होने पर उन्हें एक प्रमाणपत्र दिया गया, जिस पर अपराध श्रेणी में ‘रामभक्ति चालान’ लिखा था।
माथे पर तिलक लगाने से डर लगता था ! – मनोज अग्रवाल
उस समय विश्व हिन्दू परिषद ने अयोध्या में कारसेवा का आह्वान किया था। हमारा १५० लोगों का दल कार सेवा के लिए अयोध्या के लिए निकला था। हमें मार्ग में रोका गया एवं बंदी बना कर कारागार में भेज दिया गया। यदि कोई भगवा वस्त्र पहनकर निकलता तो उसे संदेह की दृष्टि से देखा जाता था। हम अपने ललाट पर तिलक लगाने से डरते थे,’मनोज अग्रवाल ने कहा।
१० दिनों तक कारागार में रखा गया ! – अर्जुन देव वार्ष्णेय
पुलिस ने हमें १० दिन तक कारागार में रखा। अर्जुन देव वार्ष्णेय ने कहा, मुक्ति के उपरांत हमें जिला प्रशासन द्वारा अपराध प्रमाण पत्र दिया गया और लिखा गया कि बंदी बनाने का कारण ‘राम भक्ति’ थी।
पुलिस की पिटाई से मेरा पैर टूट गया ! – अनुराग वार्ष्णेय
अयोध्या जाते समय पुलिस द्वारा डंडे से पीटने से मेरा पैर टूट गया। मुझे पुलिस थाने ले गए और मुझे प्रताड़ित किया एवं कारागार भेज दिया गया। मैंने टूटे हुए पैर के साथ मरणांतक पीडा में कारागार में दिन व्यतीत किए । अनुराग वार्ष्णेय ने कहा कि मुझे १२ दिनों तक कारागार में रखा गया और उसके उपरांत मुक्त कर दिया गया।
संपादकीय भूमिकास्मरण रखें, समाजवादी पक्ष के नेता मुलायम सिंह यादव का हिन्दू द्वेश ! हिन्दू बहुल भारत में ऐसी स्थिति का होना हिंन्दुओं के लिए अत्यंत लज्जास्पद है ! यदि आप की अपेक्षा है कि कोई हिंन्दुओं की ओर वक्र दृष्टि से देखने का साहस न करे, तो हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करें! |