मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का विधानसभा में प्रतिपादन !
भोपाल (मध्य प्रदेश) – आज से ३०० वर्ष पूर्व पूरा संसार भारत के अर्थात उज्जैन ‘टाइम स्टँडर्ड’ को समय नापने का मानक मान्य करता था; परंतु कालप्रवाह में हम दास बन गए । आज हमारे साथ पूरा संसार इंग्लैंड के ‘ग्रीनविच टाइम’ का पालन करता है । इसमें परिवर्तन लाकर फिरसे एक बार भारत के अर्थात उज्जैन के समय का मानक लाने के लिए हमारी सरकार प्रयत्न करेगी, ऐसा वक्तव्य मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विधानसभा में दिया ।
उज्जैन से तय होगा दुनिया का समय! CM मोहन यादव ने विधानसभा में रखा अपना प्लान, सुनिए क्या बोले? #Ujjain #MadhyaPradesh #MohanYadav #TimeZone | @DrMohanYadav51 pic.twitter.com/gCGrjbvRAW
— AajTak (@aajtak) December 23, 2023
१. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आगे कहा कि हम पूर्व, तो वे पश्चिम देश के हैं । एक प्राणी सूर्योदय से दिनचर्या प्रारंभ करता है, तो दूसरा निशाचर है । वह सूर्यास्त के उपरांत दिनचर्या प्रारंभ करता है । मध्यरात्रि में दिन बदलने का यह कौनसा मानक है ? यह भारतीय संस्कृति को नीचा दिखाने का प्रयत्न है । अतः संसार का समय ठीक करने के लिए उज्जैन के मौसम विज्ञान विभाग में शोध किया जाएगा । आई.आई.टी. और आई.आई.एम्. के शोधकर्ता यह शोधकार्य करेंगे । इस विषय में संसार के अनेक देश हमारा समर्थन करेंगे । इनमें पाकिस्तान और चीन भी होंगे ।
२. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारी सरकार ‘प्राइम मेरिडियन’, अर्थात देशांतर्गत रेखा, जिसका उपयोग वैश्विक स्तर पर किया जाता है, इंग्लैंड के ग्रीनविच से उज्जैन में लाने का प्रयत्न करेगी ।
उज्जैन नगरी पृथ्वी की नाभि !प्राचीन हिन्दू खगोलीय मान्यता के अनुसार उज्जैन एक समय भारत की केंद्रीय मध्य रेखा माना जाता था । इस नगरी से देश का समय और दूरी नापे जाते थे । हिन्दू पंचांग के लिए भी यही समय आधारभूत होता था ।
उज्जैन नगरी में कर्क रेखा और भूमध्य रेखा एक-दूसरे को छेदती हैं । इसे पृथ्वी की नाभि भी कहा जाता है । इस संदर्भ में चर्चा करने के लिए भारतीय विज्ञान कांग्रेस के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय विज्ञान कांग्रेस का आयोजन किया जाएगा । अंतरराष्ट्रीय विज्ञान कांग्रेस की मान्यता मिलने पर समय के मानक में परिवर्तन संभव होगा । |